रानीगंज : सतबेर घाट में नौका दुर्घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने पुल निर्माण की दिशा में तत्परता दिखलायी थी, पर समय के साथ हजारों लोगों के अरमानों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. जदयू युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष व स्थानीय निवासी रंजीत कुमार झा उर्फ भगवान झा ने कहा कि नौका दुर्घटना के एक दिन बाद 22 अक्तूबर 13 को तत्कालीन डीएम ने पत्रंक 2414/सी के माध्यम से आरसीसी पुल निर्माण की आवश्यकता जताते हुए ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव के साथ ही विभिन्न अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया था. डीएम ने संबंधित पत्र में कहा था कि लगभग 90 से 95 मीटर चौड़े बिलेनिया धार पर पुल नहीं रहने के कारण अररिया जिला अंतर्गत भरगामा प्रखंड व रानीगंज प्रखंड के नौ पंचायत व पूर्णिया जिला अंतर्गत बनमनखी प्रखंड के चार पंचायतों के बीच सीधा सड़क संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है.
संबंधित क्षेत्र के लोग इस धार को नाव के सहारे पार करते हैं. डीएम ने अपने पत्र में कहा था कि नाव दुर्घटना की वजह से गंभीर विधि व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. डीएम ने पुल बन जाने से लगभग सवा लाख लोगों को लाभ मिलने की बात कही थी. लेकिन अब तक डीएम का अनुरोध पत्र विफल साबित हो रहा है. हालांकि फारबिसगंज कार्य प्रमंडल अंतर्गत ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने एक नवंबर 13 को ज्ञापांक 944 के माध्यम से डीएम को पुल निर्माण के संबंध में जानकारी दी थी. अभियंता ने कहा कि संबंधित घाट पर लगभग 100 मीटर लंबे आरसीसी पुल निर्माण की आवश्यकता है. इस पर लगभग पांच करोड़ रुपये व्यय अनुमानित है. उन्होंने विभागीय पत्रंक के आलोक में इसे पीएमजीएसवाय पथों में मीसिंग ब्रिज की सूची में शामिल करने की बात कही. वहीं आइएलएफएस द्वारा सर्वे के पश्चात डीपीआर तैयार कर अग्रतर कार्रवाई किये जाने की सूचना डीएम को दी गयी है. भगवान झा ने कहा कि वर्षो से संबंधित पुल निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री श्रवण कुमार, जदयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह व जिला से लेकर पटना के विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों से फरियाद लगायी गयी, लेकिन अब तक किसी ने जनहित से जुड़े गंभीर मामले में ध्यान नहीं दिया है.