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पांच अधिकारियों की टीम ने की जांच

अररिया : जिले से गुजरने वाली भारत-नेपाल सीमा सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीनों में बिचौलियों की घुसपैठ व प्रकृति निर्धारण में हेराफेरी का एक और नया मामला सामने आ सकता है. डीएम के निर्देश पर गठित अधिकारियों की टीम द्वारा कुर्साकांटा प्रखंड में चल रही जांच में कुछ ऐसे ही संकेत मिलने की सूचना […]

अररिया : जिले से गुजरने वाली भारत-नेपाल सीमा सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीनों में बिचौलियों की घुसपैठ व प्रकृति निर्धारण में हेराफेरी का एक और नया मामला सामने आ सकता है. डीएम के निर्देश पर गठित अधिकारियों की टीम द्वारा कुर्साकांटा प्रखंड में चल रही जांच में कुछ ऐसे ही संकेत मिलने की सूचना है. हालात बता रहे हैं कि कुर्साकांटा प्रखंड में घपले घेटाले का नरपतगंज पार्ट-2 अंजाम दिया गया है.

गौरतलब है कि बीते दिनों सड़क निर्माण के लिए जिले के नरपतगंज प्रखंड में अधिग्रहित जमीनों के प्रकृति निर्धारण में कई तरह की अनियमतता बरतने व हेराफेरी करने का मामला सामने आया था. शिकायत मिलने पर डीएम के निर्देश पर हुई जांच में दर्जनों ऐसे मामले की न केवल पुष्टि हुई थी. बल्कि मुआवजा के रूप में ली गयी करोड़ों की राशि भी वापस की गयी थी.
बताया जाता है कि नरपतगंज मामले के मद्दे नजर डीएम ने कुर्साकांटा व सिकटी प्रखंड में अध्रिग्रहित की गयी जमीनों की स्थल जांच के लिए पांच अधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठन कर जांच का निर्देश दिया है. मिली जानकारी के अनुसार कुर्साकांटा प्रखंड के सभी 20 मौजा की अधिग्रहीत जमीनों की वास्तविक प्रकृति की जांच अधिकारियों ने पूरी कर ली है. बारी-बारी से अधिकारी अपनी रिपोर्ट जिला भूअर्जन कार्यालय को सौंप रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक अपर समाहर्ता अमोद कुमार शरण की टीम को परासी, भाग परासी, पगडेरा व चिकनी मौजा की जांच करनी थी. जिला पंचायती राज पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा को असुरी कला, रजौला, मधुबनी व बिशनपुर मौजा जबकि जिला भूअर्जन पदाधिकारी नीरज नारायण पांडे को लैलोखर, भलुआ, कुआड़ी व भाग पहुंसी मौजा में जांच करनी थी.
इसी प्रकार मेहदीपुर, बटराहा, सिकटिया व हरीरा की जेम्मेदारी डीसीएलआर मो कलीमुद्दीन व जिला योजना पदाधिकारी पीके झा को प्रखंड अंतर्गत आशा भाग के अलावा चैता, रजोला व सुंदरी मौजा में अध्रिग्रहित खेसरा की प्रकृति की जांच का जिम्मा सौंपा गया था. जांच टीम में पांच अधिकारियों के साथ साथ भृअर्जन कार्यालय में प्रतिनियुक्त अमीन घोतन सिंह व अजय कुमार झा के साथ-साथ फारबिसगंज, नरपतगंज व कुर्साकांटा के अंचल अमीन को भी शामिल किया गया था.
मिली जानकारी के अनुसार, कुर्साकांटा में सीमा सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहीत जमीन का कुल रकबा 98 एकड़ 93 डिस्मिल 700 वर्ग कड़ी है, जबकि सिकटी में कुल 81 एकड़ 90 डिस्मिल 750 वर्ग कड़ी जमीन का अधिग्रहण हुआ है.
भूिम की प्रकृति के निर्धारण में हेराफेरी
जांच रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुर्साकांटा प्रखंड के बहुत सारे मौजा में जमीनों की प्रकृति निर्धारण में हेराफेरी का कमोबेश वही खोल दोहराया गया है, जैसा कि नरपतगंज में हुआ था. कहा तो यह भी जा रहा है कि दोनों ही प्रखंडों में बहुत सारे खिलाड़ी भी एक हैं. बताया जाता है कि जांच में ये भी सामने आया है कि कुछ मामलों में पूरा मौजा ही कृषि के बजाय आवासीय निर्धारित करवा दिया गया है. सूत्रों की मानें तो प्रखंड के कमोबेश सभी मौजा में कुछ न कुछ खेसरा में हेरा फेरी की गयी है. अब देखना ये है कि जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद डीएम हिमांशु शर्मा कौन सा कदम उठाते हैं.
जांच का फंदा
कुर्साकांटा- 98 एकड़ 93 डी 700 वर्ग कड़ी
सिकटी- 81 एकड़ 90 डी 750 वर्ग कड़ी
जांच टीम में शामिल अधिकारी- अपर समाहर्ता, डीसीएलआर अररिया, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला भूअर्जन पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी

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