बिहार के मुजफ्फरपुर शहर के जूरन छपरा स्थित आई हॉस्पिटल में एक सप्ताह पूर्व (22 नवंबर को) हुए मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 26 मरीजों की आंखों में संक्रमण हो गया. इनमे से चार मरीजो की आंखे निकालनी पड़ी. वही, सिविल सर्जन से नौ मरीजों के परिजनों ने कहा कि उनके मरीजों की आंखे निकाली गयी है. उधर, अस्पताल के सचिव दिलीप जलान ने बताया कि 15 लोगों को इलाज के लिए पटना के सगुना मोड़ स्थित दृष्ट पुंज अस्पताल भेजा गया था. सोमवार को आइ हॉस्पिटल में चार मरीजों की आंखें निकाली गयी. डॉक्टरों के अनुसार सभी संक्रमित मरीजों की आंखों की रोशनी चली गयी है.
सोमवार को पीड़ित मरीजों के परिजन सिविल सर्जन से मिलने पहुंचे तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने पूरे मामले की जांच का निर्दश देते हुए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. सिविल सर्जन ने 15 अन्य संक्रमित मरीजों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया है. उनका इलाज कर रहे डॉक्टर के अनुसार इनमे दो मरीजों की आंखों में ज्यादा दर्द है. मंगलवार को ऑपरेशन कर उनकी आंखें निकाली जायेगी.
22 नवंबर को लगा था कैप
मरीजों के परिजनों ने बताया कि 22 नवंबर को आइ हॉस्पिटल मे मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैप लगा था, जिसमे 65 लोगों का ऑपरेशन किया गया. दो दिन बाद अस्पताल से मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया. जब वे लोग घर पहुंचे, तो आंखों में दर्द शुरू हो गया. अस्पताल में आकर जांच करायी गयी, तो डॉक्टर ने कहा कि इन्फेक्शन हो गया है.
दो दिनों में जांच रिपोर्ट इसके बाद कार्रवाई : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन ने कहा कि इसकी जांच के लिए सीएमओ को निर्देश दिया है. एसीएमओ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनायी है. साथ ही दो दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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पीड़तों के परिजन मिले सीएस से, की शिकायत
नौ मरीजों के परिजनों ने सिविल सर्जन से मिलकर बताया कि संकमण के कारण आंखे निकालनी पड़ी है. राममूर्ति सिंह, कौशल्या देवी, पन्ना देवी, सावित्री देवी, भुवनेश्वर मंडल, हरेद्र रजक, वीना देवी, प्रेमा देवी व कौशल्या देवी के परिजन सीएस से मिले थे.
Posted by: Radheshyam Kushwaha