पटना: लोकसभा चुनाव के लिए जदयू शुक्रवार को अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगा. गुरुवार की देर रात तक मुख्यमंत्री आवास 1, अणो मार्ग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पार्टी अध्यक्ष शरद यादव और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बारी-बारी से एक-एक उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की और सूची को अंतिम रूप दिया. सूची फाइनल करने से पहले मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह से फोन पर बातचीत की और उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की.
इसके पहले दिन भर टिकट वितरण को लेकर पार्टी में अनबन की स्थिति रही. पार्टी अध्यक्ष शरद यादव से आधा दर्जन विधायक और सांसदों ने मुलाकात की और दूसरे दलों से आनेवालों को टिकट नहीं दिये जाने की मांग की. शरद से मिलनेवालों में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री वृशिण पटेल भी रहे. सांसद मोनाजिर हसन, अश्वमेघ देवी व विश्वमोहन कुमार और विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह ने भी शरद यादव से मिल कर दलीय नेताओं को उम्मीदवार बनाये जाने की मांग की. देर शाम पूर्व मुख्यमंत्री और हाजीपुर के सांसद रामसुंदर दास अपनी उम्मीदवारी को लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचे. शरद यादव से मुलाकात के बाद सूचना व जनसंपर्क मंत्री वृशिण पटेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव में टिकट के बंटवारे में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई है. यह वाजिब नहीं है. जदयू के जो नेता-कार्यकर्ता हैं, वे अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. जब अपनी ईंट ही कमजोर हो जाये, तो इमारत ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकती. पार्टी में एक-से-एक उम्मीदवार हैं, लेकिन उन्हें ढूंढ़ने के लिए पार्टी में अच्छी आंखें नहीं हैं, तो इससे दुर्भाग्य और क्या हो सकता है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि जो लोग दूसरे दलों से जदयू में आ रहे हैं, उनका स्वागत करना चाहिए और उन्हें सम्मान भी देना चाहिए. लेकिन, उन्हें चुनाव लड़वाने के लिए क्षेत्र में न भेजें. प्रत्याशियों का चयन पारदर्शी होना चाहिए. जदयू के प्रखंड अध्यक्ष हैं, जिला अध्यक्ष हैं, पार्टी की क्षेत्रीय व राज्य कमेटी में भी कई नेता हैं. सभी की एक कमेटी बना कर प्रत्याशियों का चयन करना चाहिए.
पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को मिले टिकट
सांसद विश्वमोहन कुमार ने कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर जो प्रक्रिया अपनायी गयी है, वह अच्छी नहीं है. जदयू में रातोंरात शामिल होनेवाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए. पार्टी के कई समर्पित कार्यकर्ता और नेता हैं, उन्हें मौका देना चाहिए. दल-बदलुओं को टिकट बिल्कुल बरदाश्त नहीं होगा. पार्टी नेताओं से राय लेकर उम्मीदवारों का चयन किया जाना चाहिए. ऐसा नहीं करना जदयू के लिए घातक होगा. यह परंपरा सही नहीं है कि किसी के इशारे पर किसी को टिकट दिया जाये. सांसद ने कहा कि मुङो टिकट मिले या न मिले, कोई बात नहीं, लेकिन समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए.
चैप्टर क्लोज हो चुका है
जदयू सांसद मोनाजिर हसन ने कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट का चैप्टर क्लोज हो चुका है. बेगूसराय की जगह मुङो भागलपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, लेकिन हमारे लोगों ने मना किया. यह विधानसभा का नहीं, लोकसभा का चुनाव है. क्षेत्र बड़ा होता है. चुनाव के लिए पहले से तैयारी की जाती है. पार्टी के फैसले से मुङो दुख है, लेकिन पार्टी का जो निर्णय होगा, उसके साथ हूं. दूसरे पार्टियों से भी ऑफर मिला था, लेकिन उसे ठुकरा दिया. अब पार्टी की जवाबदेही है कि वह आगे क्या सोचती है?
उपेक्षित महसूस कर रहे कार्यकर्ता
विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि टिकट बंटवारों को लेकर पार्टी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव हो गया है. टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं से बातचीत कर प्रत्याशियों का चयन किया जाता है, लेकिन बाहर के लोग टिकट तय कर रहे हैं. यह कहीं से न्यायोचित नहीं है. पार्टी को दो-चार लोग ही चला रहे हैं. इस निर्णय से पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है. जो लोग दूसरे दल को छोड़ कर आ रहे हैं, उन्हें क्षेत्रों में भेजना चाहिए. वहां लोगों से मिलना चाहिए और पार्टी हित में काम करना चाहिए. पार्टी के जो वर्कर काम कर रहे हैं, उन्हें मौका मिलना चाहिए. किसी भी पार्टी की पॉलिटिकल मजबूती उसके कार्यकर्ताओं से होती है, लेकिन जब कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जायेगी तो ये मजबूती नहीं रहेगी.
महाचंद्र ने भी ठोंकी ताल
जदयू विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह ने भी टिकट बंटवारे पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि पार्टी के निर्णय का उन्हें इंतजार है. हमने मुंगेर और महाराजगंज में किसी एक पर टिकट की मांग की है. मुंगेर से नहीं मिले, तो महाराजगंज पर वाजिब हक बनता है.
नाराजगी नहीं, जल्द जारी होगी सूची : शरद
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि दल में टिकट वितरण को लेकर कोई नाराजगी नहीं है. चुनाव के समय बहुत सारे नेता मिलने आते हैं. मुझसे लोग मिले हैं. पर, नाराजगी की कोई बात नहीं है. होली के पहले सूची जारी कर दी जायेगी.