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बिहार परचा लीक आयोग : दिल्ली में बरार के संपर्क में थे अनिल

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी ने इवैल्यूएटर अनंतप्रीत सिंह बरार को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन वह अब तक आयोग के ओएसडी व आइएएस अधिकारी सीके अनिल तक नहीं पहुंच पायी है. एसआइटी सीके अनिल से पूछताछ करना चाहती है, लेकिन अब तक वह सामने नहीं आये हैं. अनंतप्रीत बरार से […]

पटना : बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी ने इवैल्यूएटर अनंतप्रीत सिंह बरार को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन वह अब तक आयोग के ओएसडी व आइएएस अधिकारी सीके अनिल तक नहीं पहुंच पायी है. एसआइटी सीके अनिल से पूछताछ करना चाहती है, लेकिन अब तक वह सामने नहीं आये हैं. अनंतप्रीत बरार से पूछताछ में पता चला है कि सीके अनिल काफी दिनों से दिल्ली में ही थे और बरार के संपर्क में भी रहे. इसके कुछ प्रमाण बरार के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिले हैं. एसआइटी सभी साक्ष्यों को खंगाल रही है. बरार से पूछताछ अभी जारी है.
अनिल की भूमिका की हो रही पड़ताल
जिस तरह से बरार की ऐयाशी की दुनिया सामने आ रही है और सीके अनिल से उसके गहरे रिश्तों की जानकारी एसआइटी को मिली है, उससे सीके अनिल की आगे की राह मुश्किल होती दिख रही है. सीके अनिल अंडरग्राउंड होने के बाद भी बरार के संपर्क में थे और मैनेज की कोशिश कर रहे थे. आनंद शर्मा की गिरफ्तारी के बाद इवैल्यूएटर आनंद बरार का नाम सामने आया. ओएमआर शीट में सेटिंग की बात सामने आने के बाद उसकी तलाश तेज हो गयी. इस बीच सीके अनिल भी दिल्ली में छुपे हुए थे.
अब आनंद से पूछताछ में यह जानकारी ले रही है कि बीएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार और सचिव परमेश्वर राम के नाम आने के बाद ओएसडी सीके अनिल का पेपर लीक में हाथ है या नहीं. एसआइटी जिन प्रमाणों को खंगाल रही है, उसमें अगर कुछ हाथ लगता है, तो सीके अनिल की मुश्किलें बढ़ जायेंगी. यहां बता दें कि फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप उन पर पहले से है. पेपर लीक में सीधे तौर पर सीके अनिल शामिल हैं या नहीं, यह तो जांच का विषय है. लेकिन, उनके संबंध अनंतप्रीत सिंह बरार से हैं, यह साफ हो चुका है. अब देखना है कि बरार एसआइटी के सामने क्या खुलासा करता है. एसआइटी उसकी निशानदेही पर कुछ सबृूत प्राप्त करने के लिए कुछ जगहों पर छापेमारी कर सकती है.
अनिल की रेल पुलिस भी कर रही तलाश
सीके अनिल की तलाश एसआइटी तो कर ही रही थी अब रेल पुलिस भी उनकी खोजबीन में लगी है. फरारी के दौरान उनके रेल यात्रा की कुछ जानकारी मिली थी. इसके आधार पर रेलवे के बड़े अधिकारियों को उनकी तलाश के लिए लगाया गया है. अब यह साफ है कि सीके अनिल को एसआइटी हर हाल में गिरफ्तार करना चाहती है. वहीं जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है.
सुधीर की गिरफ्तारी के बाद जैमर का पैसा लेने बिहार बोर्ड आया था बरार

जिस आनंद बरार की तलाश में एसआइटी बिहार से लेकर दिल्ली तक हाथ-पैर मार रही थी, वह आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के बाद दो मार्च को पटना आया था. सूत्रों की मानें, तो आनंद बरार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) आया था. बोर्ड के कार्यालय (इंटर प्रभाग) में बरार ने कई घंटे गुजारे, लेकिन एसआइटी को भनक नहीं लगी.

बिहार बोर्ड के सूत्रों की मानें, तो बरार बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक से मिलने आया था. लेकिन, परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात नहीं हो सकी और बरार को लौट जाना पड़ा. सूत्रों की मानें, तो 2016 में इंटर और मैट्रिक के 73 मूल्यांकन केंद्रों पर जैमर लगाये गये थे. इसके लिए बिहार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने आनंद बरार को तीन करोड़ का ठेका दिया था. एक करोड़ उसे दे दिये गये थे, लेकिन शेष दो करोड़ देने से पहले टॉपर घोटाला सामने आ गया. हालांकि, इसके बाद भी आनंद बरार बिहार बोर्डआता रहा.
तसवीर देख कर चौंक गये बोर्ड के कर्मचारी : आनंद बरार की गिरफ्तारी के बाद जब उसकी तसवीर सामने आयी, तो बोर्ड के कर्मचारी चौंक गये. बोर्ड कर्मचारियों की मानें, तो आनंद बरार एक महीने पहले बोर्ड के इंटर प्रभाग में आया था. वह कई घंटे यहां रहा. इस दौरान बरार ने अपने ओहदों की जानकारी भी यहां के कर्मचारियों को दी. कई बड़े पदाधिकारियों के नाम भी आनंद बरार ने लिये, जिनसे उसका संबंध रिजल्ट को लेकर है.
बीसीइसीइ का एडमिट कार्ड जारी नहीं अब 15 अप्रैल की परीक्षा पर भी संशय
बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद की मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा पर अब संशय के बादल मंडराने लगे हैं. परीक्षा नियंत्रक के नहीं होने के कारण एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जा सका है. इसकी जानकारी वेबसाइट पर जारी भी कर दी गयी है. बीसीइसीइ की मानें, तो एडमिट कार्ड परीक्षा नियंत्रक ही जारी करते हैं. ज्ञात हो कि बीसीइसीइ परीक्षा के नियंत्रक सुधीर कुमार हैं. गौरतलब है कि सुधीर कुमार बीएसएससी परचा लीक मामले में अभी जेल में हैं.
कहीं हो न जाये जीरो सेशन : मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी कर लेनी होती है. इस कारण अप्रैल से ही सारी प्रक्रियाएं शुरू हो जाती हैं. बीसीइसीइ ने 16 अप्रैल को प्रथम चरण और 14 मई काे द्वितीय चरण की परीक्षा निर्धारित की है. द्वितीय चरण का रिजल्ट जून के अंतिम सप्ताह तक आता है. जुलाई और अगस्त में काउंसेलिंग और नामांकन की प्रक्रिया चलती है. ऐसे में अगर अभी परीक्षा नहीं होगी, तो जीरो सेशन होने की संभावना हो जायेगी.
36,666 अभ्यर्थियों ने भरा आवेदन : बीसीइसीइ की मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में 36,666 अभ्यर्थियों ने आवेदन भरे हैं. आवेदन ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन भी जमा किये गये हैं. अभ्यर्थी एडमिट कार्ड का इंतजार कर रहे हैं. जब तक परीक्षा नियंत्रक नहीं आ जाते हैं, एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जायेगा.
बीसीइसीइ का शेड्यूल
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन : 14 फरवरी से छह मार्च तक
ऑनलाइन पेमेंट : 9 मार्च तक
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में सुधार : 10 से 12 मार्च
रजिस्ट्रेशन फाॅर्म की हार्ड काॅपी : 12 से 20 मार्च
एडमिड कार्ड जारी : 21 मार्च
प्रथम चरण की परीक्षा : 16 अप्रैल
द्वितीय चरण की परीक्षा :14 मई
थाने से 500 मीटर दूर पेट्रोल पंप से 1.28 लाख रुपये की लूट, हथियार व कारतूस भी ले गये

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