पटना: वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने कहा कि लालू प्रसाद की तुलना में नीतीश कुमार पर किताब लिखना आसान नहीं था. शनिवार को आद्री परिसर में अपनी पुस्तक ‘सिंगल मैन : द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ नीतीश कुमार ऑफ बिहार’ के विमोचन के मौके पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिल्कुल भिन्न हैं.
उनके साथ 10 बैठकों में भी उनके बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल सकी. कुछ पूछने पर वे चाय, रसगुल्ला, इमरती आदि खाने का प्रस्ताव दे देते थे. कहते थे, इतनी दूर से आये हैं, तो पहले खाइए.
संकर्षण ने अपनी किताब में लिखा है कि नीतीश कुमार के साथ परछाईं की तरह रहनेवाले सहयोगी और विश्वविद्यालय के दिनों के मित्र भी उनके बारे में पूरी जानकारी नहीं दे सकते हैं. ठाकुर ने कहा कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है, इसे समझना मुश्किल है. आद्री के सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता ने कहा कि श्री ठाकुर ने बिहार के दो बड़े नेताओं पर 15 साल के अंतराल पर पुस्तक लिखी है. उन्होंने कहा कि अब तक तो नेहरू परिवार के सदस्यों पर ही अधिक लिखा गया है. ऐसे में ठाकुर की इस पुस्तक का स्वागत है. समारोह की अध्यक्षता आद्री के पीपी घोष ने की.
नीतीश उदार भी, सख्त भी
नीतीश कुमार को वैचारिक रूप से उदार बताते हुए संकर्षण ठाकुर ने कहा कि वे राजनीतिक रूप से बहुत ही सख्त हैं. राज्य के लिए उन्हें एक बढ़िया सीइओ बताते हुए उन्होंने कहा कि उनमें सब्र बहुत है. लालू प्रसाद को हटाने के लिए उन्होंने 15 साल संघर्ष किया. उन्होंने भाकपा माले के साथ समझौता भी किया. 17 साल तक भाजपा के साथ रहने के बाद अलग होने का निर्णय लेने में उनको हिचक नहीं हुई. नीतीश कुमार के बारे में उन्होंने कहा कि ये ‘टोटली वन मैन शो हैं’. लालू प्रसाद को उनके पहले पांच साल के कार्यकाल में काफी उम्मीदवाला बताते हुए उन्होंने कहा कि वे बहुत उम्मीद पैदा कर गये. लालू प्रसाद को जमीन का व्यक्ति बताया.