जो सभी को जोड़ कर चलेगा, वही देश का नेतृत्व करेगा : नीतीश
गया : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को विशेष राज्य के दज्रे को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा, वहीं भाजपा पर सत्ता के लोभ में गंठबंधन की शर्तो के विपरीत आचरण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हम बिहारवासियों के लिए विशेष दज्रे का हक लेकर रहेंगे. केंद्र की यूपीए सरकार पहले ठीक मान रही थी, न जाने अचानक क्या हुआ? बाद में कह दिया-बिहार विशेष सहायता पाने का हकदार है, विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता.
16 नवंबर, 2013 को वित्त सचिव की अध्यक्षता में बैठक होनेवाली थी, अचानक टाल दी गयी. हम बिहार के मान-सम्मान के लिए आर्थिक मुद्दे पर लड़ाई लड़ रहे थे, पर अब इस लड़ाई को राजनीतिक रंग दिया जायेगा. हम हटने व झुकनेवाले नहीं हैं.
इसे हर हाल में लेकर रहेंगे. वह गया के गांधी मैदान में जदयू की प्रमंडलीय रैली को संबोधित कर रहे थे.
बिहार के युवाओं में दम
कड़ाके की ठंड के बावजूद उमड़ी भीड़ को देख कर उत्साहित मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के युवाओं में दम है.हमारे लोग भीख नहीं मांगते. किसी पर बोझ नहीं बनते, बल्कि दूसरों का बोझ उठाते हैं. हम कमजोर नहीं हैं.
मेहनतकश हैं, मेहनत के बल पर आगे बढ़ते हैं. हां, कोई दो रोटी के लिए बाहर जाये, तो सोचनेवाली बात है. माहौल बदला है. अब निवेशक भी बिहार आने लगे हैं. वे प्रोत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ शर्त पर साथ थे. हमने पहले ही कह दिया था कि विवादित मुद्दे व विवादित लोगों को लाने की कोशिश होगी, तो नाता तोड़ लेंगे.
अचानक कुछ भी नहीं हुआ. मना किये जाने के बाद भी उन्होंने ऐसा किया. साथ रहते भर में जो काम किया, उससे भी लोगों को निराश किया. महंगाई व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जब यूपीए के विरोध में सभी दलों ने एकजुट होकर दो-दो बार भारत बंद करवा दिया, तो एक माहौल बन गया.
भाजपा को लालच हो गया और बने माहौल को भुना लेने की कोशिश की. नीतीश ने कहा देश का नेतृत्व वही कर सकता है, जो सब को साथ लेकर चलेगा. जाति व धर्म का भेदभाव नहीं होगा. उनके (भाजपा) मन में लोभ समा गया. दिल्ली में चुनाव हुआ, सब हवा निकल गयी. हवा बनाने से नहीं बनती. जमीन की क्या आवाज है, पहचाननी पड़ती है.
जमीन पर पैर नहीं और सोच गद्दी हासिल करने की. भाजपा विश्वास खो चुकी है. उन्होंने कहा समाज में विवाद पैदा करने, सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. इसे टूटने नहीं देना है.
उन्होंने कहा बिहार में आठ साल पहले पता नहीं चलता था कि सड़क पर गड्ढा है, या गड्ढे में सड़क है. विकास ऐसी कि सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा हर क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है. सोन नदी पर दाउदनगर से नासरीगंज तक महासेतु का निर्माण होने जा रहा है.
फरवरी से काम शुरू हो जायेगा. शिक्षा जरूरी है, सभी को जरूर पढ़ायें.
15 अगस्त, 2012 में घोषणा की थी कि जब तक बिजली की हालत नहीं सुधार लेंगे, 2015 में वोट मांगने नहीं जायेंगे. सड़कों का जाल बिछ रहा है. पुल बन रहे हैं. बिहार की अर्थव्यवस्था का 24 फीसदी पैसा शिक्षा पर खर्च हो रहा है. उन्होंने कहा- ‘अरे, बहुत लोग टांग खिंचते हैं, अरे, काम करके दिखाइए ना. बहुत लोग डिगाने व कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.
उनको गद्दी की चाहत है. मुझे सिर्फ भाव से विकास करना है. गद्दी की चिंता नहीं. बिहार की भलाई में ही जनता की भलाई है. उन्होंने लोगों से हाथ उठवा कर संकल्प दिलवाया कि विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे, जान की बाजी लगा कर भी सामाजिक व सांप्रदायिक सद्भाव को बिगड़ने नहीं देंगे.
रैली को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने भी संबोधित किया. इस मौके पर मंत्री शाहिद अली खान, मंत्री जीतन राम मांझी, काराकाट के सांसद महाबली सिंह, विधायक व विधान पार्षद मौजूद थे.