पटना का नया मास्टर प्लान बन कर तैयार है. नये मास्टर प्लान में पटना का दायरा लगभग 12 गुना बढ़ जायेगा. बिहटा से लेकर फतुहा और धनरुआ तक पटना महानगर का हिस्सा होगा. उधर, सार्वजनिक परिवहन को सुगम बनाने के लिए अगले माह से 40 नयी सिटी बसें चलनेवाली हैं. दीघा से दीदारगंज तक गंगा नदी के किनारे गंगा पाथ-वे का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है. कई नये ओवरब्रिज भी बननेवाले हैं.
पटना: पटना महानगर के मास्टर प्लान में अब हाजीपुर और सोनपुर शामिल नहीं होंगे, बल्कि ये दोनों शहर नोएडा और गाजियाबाद के तर्ज पर पटना के उपनगरीय भाग होंगे. नये मास्टर प्लान में पटना का विस्तार पूरब में फतुहा से पश्चिम में बिहटा तक और उत्तर में गंगा नदी से दक्षिण में धनरुआ तक किया गया है. इसके अनुसार शहर का क्षेत्रफल 114 वर्ग किलोमीटर से बढ़ कर 1250 वर्ग किलोमीटर हो जायेगा.
2031कीआबादी
तीन चरणों में इसको अंतिम रूप देने की कार्रवाई चल रही है. मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेवारी ‘सेंटर फॉर इन्वॉयरनमेंट प्लानिंग टेक्नोलॉजी (सीइपीटी) यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद को दी गयी है. स्टेट प्लानिंग बोर्ड की स्वीकृति मिलने के बाद शहर की बाहरी सीमाओं का डिमार्केशन कर दिया जायेगा. इसके पहले वर्ष 1981 में मास्टर प्लान बनाया गया था, जो 20 वर्षो के लिए मान्य था. नया मास्टर प्लान का ड्राप्ट दो साल पहले बना, लेकिन बाद में इसमें कई संशोधन किये गये.
हाजीपुर और सोनपुर के लिए अलग से मास्टर प्लान बनेगा. इन दोनों शहरों को पटना के उपनगर के रूप में विकसित किया जा सकता है. पटना महानगर का अब उत्तरी छोर गंगा का किनारा होगा. इसका दक्षिणी क्षेत्र धनरुआ बेलदारीचक तक फैल जायेगा. महानगर की पूर्वी सीमा फतुहा होगी, जबकि पश्चिमी सीमा बिहटा निर्धारित की गयी है.
इस तरह फतुहा से बिहटा तक पटना खूबसूरत शहर के रूप में विकसित होगा. शहर के विकास को गति देने के लिए पश्चिम में एम्स और पूर्व में दीदारगंज तक मेट्रो रेल परियोजना प्रस्तावित है. दीदारगंज से फतुहा की दूरी महज पांच किलोमीटर है. इसी तरह दीघा से लेकर मीठापुर टर्मिनल तक मेट्रो रेल परियोजना मार्ग प्रस्तावित है. ऐसे में शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. इसी तरह से गंगा ड्राइव-वे का निर्माण भी किया जा रहा है, जो दीघा से दीदारगंज तक होगा. जानकारों का कहना है कि इसमें मामूली सुधार किया जा रहा है.
मास्टर प्लान के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने पूर्व की लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. सरकार ने अपार्टमेंट अधिनियम के बाद नया बिल्डिंग बाइलॉज तैयार कर लिया है. बाइलॉज को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसे लागू होने से शहर की बसावट में सुधार होगा. विभाग ने शहर के यातायात को संचालित करने के लिए शहरी यातायात निगम बोर्ड की स्थापना कर दी है.
यातायात की सेवा के लिए बोर्ड गठित
पटना शहर में सार्वजनिक यातायात सेवा के लिए निजी एजेंसियां 489 नगर बसें चलायी जा रही हैं. नगर यातायात सेवा को और बेहतर बनाने के लिए पहली बार जेनुर्म के तहत 260 बसों की खरीद की जा रही है. इसमें केंद्र व राज्य सरकार की आधी-आधी भागीदारी है. शहरी क्षेत्रों में यातायात सेवाओं को संचालित करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने बिहार शहरी यातायात निगम लिमिटेड बोर्ड का गठन कर दिया है. विकास आयुक्त बोर्ड के अध्यक्ष हैं, जिसमें नगर विकास विभाग, परिवहन विभाग, वित्त विभाग, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव के अलावा राज्य सड़क परिवहन निगम के सचिव और बिडको के सचिव को सदस्य बनाया गया है.