पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि पटना वीमेंस कॉलेज को महिला विश्वविद्यालय बनाया जाना चाहिए. लड़कियों की शिक्षा को आगे बढ़ाने में इस कॉलेज का काफी योगदान है. केंद्रीय शोध प्रयोगशाला बनाने के लिए इसे दो करोड़ रुपये दिये जायेंगे. इससे कॉलेज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर आगे बढ़ पायेगा. वह पटना वीमेंस कॉलेज की 74वीं वर्षगांठ पर समारोह को संबोधित कर रहे थे.
डॉरिस डिसूजा बने वीसी
मुख्यमंत्री ने कहा, पटना वीमेंस कॉलेज को वीमेंस यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर वर्तमान प्रिंसिपल डॉ प्रो डॉरिस डिसूजा का काफी प्रयास हो रहा है. लेकिन, वह 10 माह बाद सेवानिवृत्त हो रही हैं. हम चाहेंगे कि उन्हें ही इस यूनिवर्सिटी का वीसी बनाया जाएं. इसके लिए शिक्षा मंत्री पीके शाही को विचार करने के लिए कहा गया है.
प्रिंसिपल के कहने पर बजती है तालियां
श्री कुमार कॉलेज के अनुशासन और एक्टीविटी की तारीफ की. कहा, यह कॉलेज हर एक्टिविटी में आगे रहता है. यहां के अनुशासन के बारे में तो बस इतना कहेंगे कि यहां की छात्रएं प्रिंसिपल के कहने पर ही तालियां भी बजाती हैं, जो कार्यक्रम के दौरान देखने को भी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि यह कॉलेज बिहार का पहला कॉलेज है, जहां पर लड़कियों की शिक्षा शुरू की गयी. अब गांव की लड़कियां भी यहां शिक्षा ग्रहण करती है. यहां पर शिक्षा की क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाता है.
बजट का 24 फीसदी शिक्षा पर
उन्होंने कहा कि आठ साल पहले बिहार में 12.5 फीसदी बच्चे स्कूल के बाहर थे. अब यह यह आंकड़ा घट कर दो फीसदी से भी कम रह गया है. साइकिल योजना से 9वीं में छात्राओं की संख्या पांच साल में 1.7 लाख से बढ़ कर सात लाख हो गया है.राज्य सरकार अपने बजट का 24 फीसदी शिक्षा पर खर्च करती है. अभी राज्य में आइआइटी, चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी, आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज के साथ निफ्ट जैसी संस्था खुली है. इससे विद्यार्थी अपने ही राज्य में रह कर पढ़ाई कर सकते है.
अतिथियों का स्वागत प्रिंसिपल डॉ डॉरिस डिसूजा ने किया. इस मौके शिक्षा मंत्री पीके शाही, पटना यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो अरुण कुमार सिन्हा, आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो एसएन गुहा मौजूद थे.