पटना: सूरत के व्यवसायी मो सोहैल अपहरण कांड का मास्टर माइंड चंदन सोनार के नेपाल की सीमा में प्रवेश करने की जानकारी मिली है. इस सूचना को खंगालने को लेकर बिहार पुलिस की एक टीम को नेपाल पुलिस के साथ संपर्क में लगाया गया है.
दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं होने से बिहार के अपराधियों का नेपाल सुरक्षित ठिकाना बन चुका है. बिहार पुलिस नेपाल पुलिस से फीडबैक लेकर चंदन सोनार की गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है. साथ ही सीआइडी, बिहार की एक टीम को दिल्ली भेजा गया है. अपहृत मो सोहैल हिंगोरा के पिता मो हनीफ हिंगोरा से मिले फोन कॉल डिटेल के आधार पर बिहार के अपहरणकर्ता गैंग के सदस्यों की तलाश नयी दिल्ली में की जायेगी. उनसे जुड़े तथ्यों को दिल्ली पुलिस की मदद से खंगाला जायेगा.
दिल्ली व पंजाब से भी आये थे कॉल : प्राप्त सूचना के अनुसार बेहद प्रोफेशनल तरीके से अपहरण कांड को अंजाम देने वाले अपहर्ता गिरोह के सदस्यों द्वारा दिल्ली व पंजाब से भी फोन कॉल के माध्यम से मो हनीफ हिंगोरा से फिरौती की रकम का भुगतान करने को कहा जा रहा था. बिहार के एक पूर्व शातिर अपराधी के भी नयी दिल्ली में ही छिपे होने की जानकारी पुलिस को मिली है. इसके साथ ही रांची में एक टीम सीआइडी की अभी जांच के लिए मौजूद है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पटना, हाजीपुर, छपरा व सीवान में देर रात तक सघन जांच की कार्रवाई की गयी. इसमें नया गांव में रंजीत सिंह, दीपक सिंह व हाजीपुर में राम प्रकाश व चंदन सोनार से जुड़े अपराधियों की तलाश की गयी.
पूछताछ में चकमा देने की कोशिश : दमन के पुलिस अधीक्षक पंकज ने बताया कि बिहार पुलिस की टीम आवश्यक जांच करके वापस लौट गयी है. धनबाद पुलिस की जांच टीम अब भी दमन में मौजूद है. बिहार पुलिस टीम में सीआइडी के डीएसपी व एसटीएफ के इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल थे. उन्होंने बताया कि रंजीत सिंह काफी शातिर अपराधी है, उसने बिहार पुलिस व दमन पुलिस को पूछताछ के दौरान चकमा देने का हर संभव प्रयास किया है. अंतरराज्यीय आपराधिक गिरोह से कई राज्यों के अपराधी जुड़े हुए हैं.
फुटेज से होगी जांच
सोहैल मामले में अपराध अनुसंधान विभाग ने पटना में लगे सीसीटीवी के फुटेज के आधार पर पिता मो हनीफ हिंगोरा के दावों की जांच शुरू कर दी है. बेली रोड, गांधी मैदान, पटना जंकशन सहित विभिन्न इलाकों में लगाये गये सीसीटीवी के फुटेज को निकाल कर मो हनीफ के पटना में ठहरने व इधर उधर आने-जाने की जांच की जायेगी. सीआइडी के अधिकारियों ने पूर्व में ही मो हनीफ हिंगोरा द्वारा फिरौती की रकम के भुगतान के लिए दिये गये फोन नंबरों की पहचान कर ली है. मालूम हो कि पटना में नवंबर में 52 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे.
इनके माध्यम से सभी तरह के फुटेज को पटना जिला पुलिस के कंट्रोल रूम में पूरा ब्योरा रिकॉर्ड किया जाता है. लग्जरी गाड़ियों से पटना में प्रवेश करने से लेकर उनके शहर से बाहर जाने की आसानी से पहचान की जा सकेगी. गांधी सेतु के दोनों किनारों पर पहले से ही ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इन कैमरों के फुटेज से मो हनीफ हिंगोरा के द्वारा द्वारा बताये गये रात के समय में पुल को पार करने व अपहृत को लेकर पटना वापस लौटने की जांच की जायेगी. पुलिस सूत्रों की मानें तो एक-एक साक्ष्य व बयान के आधार पर जांच की कार्रवाई की जा रही है.