पटना: भाजपा ने नीतीश सरकार के आठवें रिपोर्ट कार्ड के जवाब में मंगलवार को अपना रिपोर्ट कार्ड जारी किया. रिपोर्ट कार्ड को जारी करते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि सरकार से भाजपा के अलग होने के बाद विकास की गति धीमी पड़ गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर काम का बोझ जबरदस्त रूप से बढ़ा है.
नौकरशाही हावी हो गयी है. पिछले साढ़े पांच माह में कोई नयी घोषणा नहीं हुई है. भाजपा ने अपने रिपोर्ट कार्ड का नाम दिया है-विश्वासघात के पांच महीने, सांसत में सुशासन.
नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री रह चुके श्री मोदी कहा, भाजपा-जदयू ने मिल कर पौधा सींचा था. लेकिन, जब फसल काटने का मौका आया, तो भाजपा को किनारे कर दिया गया. भाजपा नेताओं की तसवीरें हटायी जा रही हैं, लेकिन उन्हें लोगों के दिलों से भला कैसे हटा पायेंगे? भाजपा पर माहौल बिगाड़ने के आरोप लगाये जा रहे हैं. पांच माह में किसी भाजपा नेता ने माहौल बिगाड़नेवाला बयान दिया हो, तो उसे नीतीश कुमार फांसी पर लटका दें.
विधि-व्यवस्था चरमरायी
उन्होंने कहा कि सरकार से भाजपा के अलग होते ही विधि-व्यवस्था चरमरा गयी है. पहली बार नवादा में कफ्यरू लगा. रोहतास में जातीय तनाव हुआ. बिहार में पहली बार बोधगया और पटना में आतंकियों ने ब्लास्ट किये. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ब्लास्ट से कई मामलों की परतें खुल रही हैं. ऐसा लगता है मानो वे एक और ब्लास्ट का इंतजार कर रहे हैं. हुंकार रैली के दिन ब्लास्ट के लिए मुख्यमंत्री खुद जिम्मेवार हैं. सिमी पर प्रतिबंध बढ़ाया जाये या नहीं, इस पर मुख्यमंत्री ने चुप हैं. अपराधियों में प्रशासन का भय खत्म हो गया है.
एक-एक दिन गिन रही सरकार
श्री मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार न किये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री बिहार की तुलना गुजरात और महाराष्ट्र से करते हैं. दोनों राज्य डेफिसिटवाले राज्य नहीं हैं. दोनों राज्यों में 24 घंटे मिल रही बिजली से बिहार की तुलना वे नहीं करते. दरअसल, यह सरकार अल्पमत में है. एक-एक दिन गिन रही है. बरौनी थर्मल में छह माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. बिहार में यदि 10 वर्ष एनडीए की सरकार चलती, तो सिस्टम ठीक हो जाता. भाजपा कोटे जैसे मंत्री उन्हें नहीं मिलेंगे. भाजपा ने तो बार-बार अपमान का घूंट पिया और जनता के फैसले को सम्मान दिया.
आतंकियों को किया जा रहा महिमामंडित
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि साढ़े पांच माह में आतंकियों को महिमामंडित किया गया. यासीन भटकल से पूछताछ नहीं की गयी. इशरत को बिहार की बेटी कहा गया. आज बिहार आतंकियों का सॉफ्ट जोन बन गया है. गांधी मैदान की रैली में नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रची गयी थी. विधानसभा में विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि साढ़े पांच माह में भू-माफियाओं का गिरोह सक्रिय हुआ है. जदयू से भू-माफिया जुड़ गये हैं. नक्सली गतिविधियां भी बढ़ी हैं.
गिनायीं विफलताएं
साढ़े पांच माह में विभागों की मॉनीटरिंग व समीक्षा का काम ठप
12 जून के बाद कृषि रोड मैप को लेकर कोई बैठक नहीं हुई
मानव विकास मिशन पर एक जून के बाद कोई बैठक नहीं
अनुमंडल स्तर पर बनीं अनुश्रवण समितियां की आठ महीने में एक भी बैठक नहीं हुई
प्रखंडों में कार्यक्रम क्रियान्वयन समितियों की भी कोई बैठकनहीं हुई
प्रधान सचिव व सचिव को एक-एक जिले का प्रभार दिया गया, पर पांच माह से कोई सचिव जिलों में नहीं गये
वैट सलाहकार समिति की भी कोई बैठक नहीं हुई
ब्लास्ट के बाद बोधगया में आनेवाले विदेशी पर्यटकों की संख्या घटी
कृषि यांत्रिकीकरण मेला लगना बंद