पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भारतीय रेल का निजीकरण असंभव है. टुकड़ों में बांट कर रेल नहीं चल सकती. राष्ट्रीय एकता का यह प्रतीक पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ती है. वे शुक्रवार को राजेंद्रनगर टर्मिनल परिसर में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की 89वीं वार्षिक आमसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अपने रेलमंत्रित्व काल की याद करते हुए कहा कि उन्होंने उस वक्त पद संभाला, जब लगभग हर महीने एक दुर्घटना होती थी.
इसको देखते हुए रेल सेफ्टी दुरुस्त करने को कई कदम उठाये गये. पुरानी सिगनल प्रणाली, उपकरण, पटरियां आदि बदलने के लिए 17 हजार करोड़ के विशेष रेलवे सेफ्टी फंड का प्रबंध किया. लुधियाना में हुई दुर्घटना के बाद ही ड्राइवर-गार्ड और स्टेशन प्रबंधक को पहली बार वॉकी-टॉकी की सुविधा दी. यूनियन के साथ मिल कर अलग-अलग जोन में सेफ्टी सेमिनार कराये, जिसमें काफी बहुमूल्य सुझाव मिले.
सेफ्टी प्लान पर ध्यान नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मंत्री रहते वर्ष 2003-13 का कॉरपोरेट सेफ्टी प्लान बनाया गया, मगर बाद में उस पर ध्यान ही नहीं दिया गया. उन्होंने बगैर किसी का नाम लिये कहा कि अगर हम पटरी की हालत नहीं सुधरवाते, तो लोग उस पर माल गाड़ी कहां से चलाते. श्री कुमार ने पूछा कि क्या अब भी ट्रेनचालक को ड्राइवर बुलाते हैं. हमने ही कहा कि जब प्लेन उड़ानेवाला पायलट कहलाता है, तो ट्रेन चलानेवाला भी लोको पायलट होना चाहिए.
ताकत समझिए चेयरमैन साहब
मुख्यमंत्री ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अरुणोंद्र कुमार को भी जोश दिलाया. रेलकर्मियों को 78 दिन का पूरा बोनस दिये जाने का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि चेयरमैन साहब आप अपनी ताकत कोसमझिए. हमारे समय में रेलवे पास पर इनकम टैक्स हटाने के सवाल पर वित्त मंत्रलय को भी झुकना पड़ा था. रेल चलानी है, तो मुस्तैदी से चलाइए. ताकत लाइए, जोश भरिए. साष्टांग नहीं होइए. जरूरत पड़ी, तो भूतपूर्व रेलमंत्री होने के नाते हम भी रेलमंत्री को इस मुद्दे पर पत्र लिख कर आग्रह करेंगे.
सुधारेंगे गार्ड वैन की दशा
रेलवे बोर्ड चेयरमैन अरुणोंद्र कुमार ने हमेशा यूनियन का समर्थन मिलने का दावा करते हुए कहा कि ग्रुप सी में रि-स्ट्रक्चरिंग की मंजूरी मिल चुकी है. इसको आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इस साल सुधार के दो प्रमुख मुद्दे प्राथमिकता सूची में रखे गये हैं. इनमें गार्ड वैन की दशा सुधारना और गैंगमैन के रन ओवर की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके लिए कार्यस्थल पर वार्निग सिस्टम का प्रबंध करना शामिल है.
सम्मान के साथ समझौता नहीं
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के अध्यक्ष उमराव मल पुरोहित और महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि रेलकर्मी सम्मान के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने नयी पेंशन स्कीम खत्म कर गारंटेड पेंशन स्कीम देने व खाली पड़े पदों को शीघ्र भरे जाने की मांग की. मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह, सांसद रामसुंदर दास, कार्यकारी अध्यक्ष राखालदास गुप्ता, पूर्व मध्य रेल के जीएम मधुरेश कुमार, एजीएम अजय शुक्ला, पूर्व सांसद विजय कृष्ण, दानापुर डीआरएम एनके गुप्ता, महेंद्र शर्मा, जीआर भोंसले, यूएस झा सहित कई ट्रेड यूनियन नेता व अधिकारी मौजूद रहे.