पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से बिहार-झारखंड के बीच चल रहे पेंशन विवाद को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने श्री चिदंबरम को लिखे पत्र में कहा है कि झारखंड पर पेंशन मद में 2534 करोड़ रुपये का बकाया था, जिसमें से अब तक 150 करोड़ ही बिहार को मिले हैं. वहां की सरकार ने 500 करोड़ का बजट में प्रावधान किया है. इससे काम नहीं चलनेवाला है.
केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर बिहार को छह किस्तों में राशि का भुगतान कराये. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि वर्ष 2012 में जब आप गृह मंत्री थे, तो 2,584 करोड़ रुपये झारखंड से बिहार को दिलाने का फैसला हुआ था.
यह राशि कैग की रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित हुई थी. आश्चर्य तो यह है कि इतना लंबा समय गुजरने के बाद अब तक राशि नहीं मिली है. झारखंड सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रलय के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल करते हुए आदेश के अमल पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था. बाद में झारखंड सरकार ने याचिका में संशोधन करने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा था, लेकिन अब तक संशोधित याचिका नहीं दाखिल की गयी है.मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि आधार कार्ड का निर्माण बिहार में बंद है.
इस कार्य के लिए 369.20 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये थे. इस राशि को पंचायत सरकार भवन समेत अन्य योजनाओं में खर्च करने की अनुमति दे. उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री को यह भी याद दिलाया कि मई, 2013 को राजगीर में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में आप भी मौजूद थे. उस समय राज्य सरकार ने मांग की थी कि नाबार्ड आरआइडीएफ से मिलनेवाली राशि के लिए जो प्रावधान है, उसमें विद्युत प्रक्षेत्र को भी शामिल किया जाये. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संचरण व विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ करने में वित्तीय मदद राज्य सरकार को मिल सकती है.