पटना: भाजपा के उस आरोप पर कि राजनीतिक कारणों से बिहार पुलिस आतंकी यासीन भटकल और उसके सहयोगी असदुल्लाह अख्तर की गिरफ्तारी का श्रेय नहीं ले रही है, आज अपनी चुप्पी तोडते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार पुलिस अपने कर्तव्य का निर्वाह करती है, श्रेय नहीं लेती है. पटना के एक अणेमार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में आज आयोजित जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने कहा आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी में बिहार पुलिस ने प्रोफेशनल ढंग से काम किया है और यह मामला पुलिस से न कि राजनेताओं से जुडा है. आईबी के इनपुट पर केंद्रीय एजेंसियों को बिहार पुलिस ने सहयोग किया है, उसकी प्रशंसा होनी चाहिए.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार की जदयू सरकार पर आतंकियों के खिलाफ नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए भारत-नेपाल सीमा पर बिहार के पुर्वी चंपराण जिला के रक्सौल थाना क्षेत्र से गत 29 अगस्त को इन आंतकियों की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि प्रदेश की पुलिस न केवल इन दोनों की गिरफ्तारी का श्रेय लेने से बचती रही बल्कि उन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर भी नहीं लिया. मोदी सहित भाजपा के अन्य नेताओं के इस संबंध में लगाए जा रहे आरोपों के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि क्या राजनेता पुलिस के प्रवक्ता हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस मैनुअल बनाना मंत्रिमंडल का काम है और बिहार पुलिस कानून के अंतर्गत काम कर रही है.नीतीश ने कहा कि पुलिस के काम में हस्तक्षेप न हो और वह कानून का राज कायम करने में अपनी भूमिका निभाए. उन्होंने कहा कि पुलिस का कर्तव्य है काम करना, श्रेय लेने की होड में नहीं पडना और यह बिहार पुलिस के बडप्पन का परिचायक है. नीतीश ने कहा कि अगर बिहार के पुलिस महानिदेशक अभयानंद अगर इन दोनों की गिरफ्तारी में शामिल पुलिसकर्मियों को इनाम दिए जाने की अनुशंसा करेंगे तो राज्य सरकार उसपर विचार करेगी.अपने पुराने सहयोगी भाजपा नेताओं पर प्रहार करते हुए नीतीश ने कहा कि वे मंत्रिमंडल से हटाए जाने पर बेरोजगार हो गए हैं और हताशा में हर एक मामले पर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश में लगे रहते हैं.
अपने पुराने सहयोगी और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का नाम लिए बिना उनपर कटाक्ष करते हुए नीतीश ने कहा कि किसी भी मामले पर विशेषज्ञ बनना कुछ नेताओं और दलों का फैशन बन गया है और जरा भी मौका मिलने पर वे महाज्ञान देना शुरु कर देते हैं. भाजपा नेताओं द्वारा उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने की निंदा करते हुए नीतीश ने कहा कि मंत्री पद खो देने के कारण वे हताशा में ऐसा कर रहे हैं. ऐसा करके वे फिर से रोजगार नहीं पा सकते. पूर्व में सप्ताह में एक दिन साप्ताहिक अवकाश मनाते थे पर अब रविवार को भी सरकार की आलोचना कर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इधर-उधर भटकते फिरते हैं.