पटना: चापाकलों में विषैला पदार्थ डालने की घटनाओं की तह तक पहुंचने में सीआइडी जुटा हुआ है. पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारियों की मानें, तो अगले 48 घंटे में इस मामले का खुलासा हो सकता है.
अब तब 14 जिलों से इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी अभयानंद को जांच कर इन घटनाओं का पैटर्न पता करने का निर्देश दिया था. इसके बाद से सीआइडी के अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं. संबंधित जिलों से सूचनाओं को एकत्र किया जा रहा है. सीआइडी के एडीजी एके उपाध्याय के नेतृत्व में टीम ने सभी जिलों में सील किये गये चापाकलों का मुआयना किया.
उन इलाकों से साक्ष्य भी जुटाये गये हैं, ताकि उन असामाजिक तत्वों की पहचान की जा सके, जो इसे अंजाम दे रहे हैं. इसके लिए इन इलाकों के फोन कॉल रेकॉर्ड भी खंगाले गये हैं, खासकर घटना के बाद संबंधित इलाके में किसने सबसे अधिक कॉल किये, इसका ब्योरा जुटाया गया है. कोई प्रदेशस्तरीय नेताओं ने उन इलाकों में फोन किया था कि नहीं, इसकी भी जांच की गयी है. पानी के सैंपल को जांच के लिए एफएसएल को सौंपा गया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार आज-कल में एफएसएल अपनी रिपोर्ट दे देगी. इसके बाद सीआइडी की ओर से मामले का खुलासा किया जायेगा.
इधर, सारण के डीएम अभिजीत सिन्हा ने प्रधानाध्यपकों को निर्देश दिया है कि वे विद्यालय खुलते ही सबसे पहले चापाकल की जांच करें और उसके पानी को चखें. इसके बाद ही चापाकल के पानी को मिड डे मील बनाने व पीने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा. प्रधानाध्यापकों से यह भी कहा गया है कि वे नियमित रसोई घर के निरीक्षण के दौरान चावल, तेल, मसाला, नमक आदि की जांच कर लें. यदि चापाकल में जहरीला पदार्थ डाले जाने का संदेह है, तो तुरंत बीडीओ, सीओ, थानाध्यक्ष को सूचित कर पानी का सैंपल लेकर सील करें और प्राथमिकी दर्ज कराएं. साथ ही जिले के वरीय पदाधिकारियों को सूचित करें.