पटना/आरा: भोजपुर जिले के तरारी थाने के डुमरिया गांव की छह महादलित युवतियों के साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को तीनों आरोपित को गिरफ्तार कर लिया.
इनमें सिकरहट्टा थाने के कुरमुरी गांव के कबाड़ दुकानदार नील निधि, जय प्रकाश सिंह और योगी पंडित शामिल हैं. पीड़ित महिलाओं द्वारा आरोपितों की पहचान भी करायी गयी. मामले की जांच में पाया गया है कि सभी छह युवतियों के साथ गैंगरेप से पहले उन्हें
शराब पिलायी गयी थी. सभी युवतियां कबाड़ी चुनने का काम करती हैं.पटना में एडीजी (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने संवाददाताओं को बताया कि मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी कर ली जायेगी और स्पीडी ट्रायल करा कर सभी आरोपितों को सजा दिलायी जायेगी. तीनों आरोपितों के खिलाफ भादंवि की धारा 376/3, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 (2) (5) और पॉस्को अधिनियम की धारा 4/5/8 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले डीएम पंकज कुमार पाल, एसपी राजेश कुमार दल-बल के साथ डुमरिया गांव पहुंचे, जहां पीड़िता के बयान दर्ज किया गया. पीड़िता के फर्द बयान पर सिकरहट्टा थाने में कांड संख्या 39/14 दर्ज की गयी. सभी पीड़ित युवतियों की मेडिकल जांच आरा सदर अस्पताल में डीएम, एसपी, एसडीओ अनिल कुमार की देखरेख में डीएस जेके सिन्हा के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने की. वहीं, पीड़िताओं को अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत 90-90 हजार रुपये की राशि दी गयी. 12 अक्तूबर को राज्य अनुसूचित जाति आयोग की टीम घटना की जांच करने जायेगी.
सीएम ने दिया स्पीडी ट्रायल कराने का निर्देश
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भोजपुर में महादलित समुदाय की पांच युवतियों से गैंगरेप मामले में कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने 24 घंटे के अंदर आरोपितों की गिरफ्तार करने के बाद अविलंब आरोपपत्र दायर करने और मामले का त्वरित ट्रायल कराने को कहा है. मुख्यमंत्री ने घटना की जांच डीएम और एसपी से कराने और सात दिनों में जांच रिपोर्ट सरकार को देने को कहा है. उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में किसी स्तर पर कोताही बरती गयी है, तो जिम्मेवार पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाये. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पीड़ित युवतियों की अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत देय अनुदान का शीघ्र भुगतान किया जाये. उन्होंने पीड़िताओं को सरकार के विविध कार्यक्रमों के अंतर्गत वैकल्पिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए डीएम को टास्क दिया है. पीड़ित परिवारों को इंदिरा आवास, सरकारी पेंशन और विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास कार्यक्रमों का लाभ दिलाने को कहा गया है.