निर्भया कांड के एक दोषी अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में सजा को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की है. इस याचिका में उसने कई अजीबोगरीब तर्क देते हुए सजा-ए-मौत से राहत की मांग की है.
अक्षय ने अपनी याचिका में कहा कि दिल्ली की हवा और पानी में वैसे ही इतना प्रदूषण है कि लोग ज्यादा नहीं जी पा रहे हैं, तो फिर मौत की सजा की क्या जरूरत है? अक्षय का तर्क है कि ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो 80 से 90 साल की आयु तक पहुंच पा रहे हों.
बिहार के औरंगाबाद जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकर्मा गांव निवासी अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर ने मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अक्षय ने कहा- जब हम अपने आसपास देखते हैं तो पता चलता है कि कोई इंसान जिंदगी में विपरीत स्थितियों का जब सामना करता है, तो फिर वह एक शव जैसा ही हो जाता है.
उसने आगे कहा कि यह ध्यान रखने की जरूरत है कि दिल्ली एक गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है. इस बात की तस्दीक खुद भारत सरकार ने ही अपनी एक रिपोर्ट में की है. हर कोई जानता है कि दिल्ली की हवा और पानी कितना खराब हो चुके हैं.
अक्षय ने कहा- दिल्ली की हवा और पानी खराब होने के चलते जिंदगी लगातार कम हो रही है. ऐसे मौत की सजा की क्या जरूरत है?
यही नहीं, जघन्य घटना के दोषी अक्षय ने अपनी सजा को लेकर दायर की गयी पुनर्विचार याचिका में महात्मा गांधी की एक टिप्पणी का भी जिक्र किया है.
उसने सुप्रीम कोर्ट को दी अपनी अर्जी में लिखा है- गांधी जी हमेशा कहते थे कि कोई भी फैसला लेने से पहले सबसे गरीब व्यक्ति के बारे में सोचें. यह सोचें कि आखिर आपका फैसला कैसे उस व्यक्ति को मदद करेगा. आप ऐसा विचार करेंगे, तो आपके भ्रम दूर हो जाएंगे.