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घूसखोरी के मामले में बैंक प्रबंधक को एक साल की सजा
पटना : पटना सीबीआइ एक के विशेष जज सत्येंद्र पांडे की अदालत द्वारा घूस लेने के एक मामले में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक त्रिवेणीगंज सुपौल के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सीताराम रजक को पीसी एक्ट में दोषी पाते हुए वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. सीबीआइ के विशेष लोक […]
पटना : पटना सीबीआइ एक के विशेष जज सत्येंद्र पांडे की अदालत द्वारा घूस लेने के एक मामले में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक त्रिवेणीगंज सुपौल के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सीताराम रजक को पीसी एक्ट में दोषी पाते हुए वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक अभिलाष कुमार ने बताया कि उक्त मामला योगेंद्र साव द्वारा 30 नवंबर 2011 को दिये गये आवेदन पर सीबीआइ ने तीन दिसंबर 2011 को मामला दर्ज किया था.
आवेदन में आरोप लगाया गया था कि सूचक का बैंक में केसीसी खाता था, जिस पर 48 हजार रुपये ऋण स्वीकृत हुआ था. उक्त ऋण का 22500 रुपये प्राप्त हो गया था. परंतु शेष राशि की निकासी के लिए बैंक प्रबंधक दो हजार रुपये घूस की मांग कर रहे थे. सीबीआइ ने बैंक प्रबंधक को पांच दिसंबर 2011 को 1500 रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया था.
विशेष जज ने पीसी एक्ट की धारा 7 व 13 (2) सह पठित धारा 13(1) डी में दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा दी. बाद में अभियुक्त द्वारा उक्त निर्णय को ऊपरि अदालत में चुनौती देने के लिए औपबंधिक जमानत का आवेदन दिया, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए दस हजार रुपये के दो मुचलकों का बंध पत्र दाखिल करने पर अभियुक्त को औपबंधिक जमानत प्रदान की.
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