पटना: बिहार में हर व्यक्ति को एक दिन में 55 लीटर पीने का शुद्ध जल मुहैया कराया जायेगा. लक्ष्य की पूर्ति के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचइडी) अभियान चला रहा है.
मंगलवार को पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने विधानसभा में यह घोषणा की. हंगामे के बीच सदन ने पीएचइडी की 17 अरब 94 करोड़ 72 लाख और 79 हजार की अनुदान मांगें पारित कर दी.
धनकड़ विवाद और दवा घोटाले मामले को ले कर जदयू और भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण किसी ने अनुदान मांगों को ले कर कटौती प्रस्ताव पेश नहीं किया था. लिहाजा ध्वनिमत से सदन ने अनुदान मांगें पारित कर दी. महाचंद्र सिंह ने कहा कि शुद्ध पेय जल मुहैया कराने और गांव, पंचायत व शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए विभाग का अभियान चलता रहेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 40 लीटर पेय जल मुहैया कराया जाता था. अब 55 लीटर पेय जल मुहैया करायेगा.
सौ लोगों पर एक चापाकल : पहले ढाई सौ की आबादी पर एक चापाकल लगाया जाता था, लेकिन अब विभाग ने एक सौ की आबादी पर एक चापाकल लगाने का निर्णय लिया है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 24 घंटे पीने का पानी मिले. इसके लिए भी विभाग ने वृहद योजना बनायी है. विश्व बैंक की मदद से पहले चरण में योजना के तहत 10 जिलों में पेयजल आपूर्ति योजना शुरू होगी. योजना पर 1606 करोड़ रुपये खर्च होंगे. छह वर्षो में योजना पूरी होगी. उन्होंने कहा कि छह जिलों के 2600 बसावट की 400 ग्राम पंचायतों में भी विश्व बैंक की मदद से जलापूर्ति योजना शुरू की जायेगी. योजना को तीन वर्षो में पूरा करने का लक्ष्य है. श्रवणी मेले को ले कर भागलपुर, मुंगेर व बांका के कांवरिया मार्ग पर 840 चापाकल लगाये गये हैं. चापाकल खराब न हो. इसके लिए कांवरिया मार्ग पर मोबाइल वैन तैनात किये जा रहे हैं. यही नहीं गरीब नाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को भी पेय जल संकट से मुक्ति मिलेगी.