भागलपुर : भागलपुर की झोपड़पट्टी में पली-बढ़ी नि:शक्त अल्पना भूषण सिंह ने जेइइ एडवांस में ओबीसी कोटा में देश में 10वां स्थान प्राप्त किया है. अल्पना मूल रूप से मदारगंज के रतनपुर की रहनेवाली है और वर्षो से खंजरपुर के समीप जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज की जमीन पर बनी झोपड़पट्टी में रह रही थी. फरवरी में कोर्ट के आदेश के बाद झोपड़पट्टी हटा दी गयी थी. फिलहाल वह अपने माता-पिता व भाइयों के साथ किराये के मकान में रह रही है.
अल्पना के पिता कुरियर का काम करते हैं. बायें पांव से नि:शक्त (पोलियो के कारण) और गांव में पले बढ़े मनीष कुमार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. उसने ओबीसी नि:शक्त कोटे में 77वां स्थान हासिल किया है. मनीष कुमार नाथनगर प्रखंड मुख्यालय से करीब छह किमी दूर किशनपुर दिग्घी पोखर गांव का रहनेवाला है. उसके पिता गांव में ही छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर घर की रोजी-रोटी का इंतजाम करते हैं. अल्पना व मनीष भागलपुर के गुरुकुल शिक्षण संस्थान में प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.
देश में पांचवें नंबर पर रहा बिहार
जेइइ एडवांस में शामिल होने में बिहार के स्टूडेंट्स की संख्या 5 वें पोजिशन पर है. 2013 में जहां 9 हजार 777 छात्रों को जेइइ एडवांस में शामिल हुए थे. वहीं 2014 में 10 हजार 987 छात्रों ने जेइइ एडवांस में शामिल हुए थे. सफलता के मामले में आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर,ं दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश और तीसरे स्थान पर राजस्थान था.