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सीएमआर नहीं देने वाली 15 समितियों की होगी जांच

सीवान. जिले में बिहार राज्य खाद्य निगम को सीएमआर चावल समितियां द्वारा उपलब्ध कराने का काम काफी धीमा है. जिससे चावल देने का रफ्तार गोदामों पर इन दिनों नहीं बढ़ रहा है. चावल समय से उपलब्ध नहीं कराये जाने से ब्याज का बोझ भी लगातार समितियां पर बढ़ते जा रहा है. विभागीय स्तर पर ऐसे 15 समितियों को चिह्नित कर लिया गया है.

सीवान. जिले में बिहार राज्य खाद्य निगम को सीएमआर चावल समितियां द्वारा उपलब्ध कराने का काम काफी धीमा है. जिससे चावल देने का रफ्तार गोदामों पर इन दिनों नहीं बढ़ रहा है. चावल समय से उपलब्ध नहीं कराये जाने से ब्याज का बोझ भी लगातार समितियां पर बढ़ते जा रहा है. विभागीय स्तर पर ऐसे 15 समितियों को चिह्नित कर लिया गया है. उन्होंने स्वीकृतादेश जारी होने के तीस दिन के बाद भी संबंधित राइस मिल से धान की कुटाई कराकर सीएमआर चावल बिहार राज्य खाद्य निगम को उपलब्ध नहीं कराया है. चिन्हित समितियां की जांच का आदेश जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरभ कुमार ने दिया है. उन्होंने सभी प्रखंडों के प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. सभी को निर्देश दिया गया है कि तीस दिन से अधिक स्वीकृतादेश जारी होने के बाद भी सीएमआर चावल नहीं देने वाले समितियां का जांच करें. अगर जांच के दौरान धान मिलता है तो तुरंत संबंधित राइस मिल को उपलब्ध करायेंगे. साथ ही धान गोदाम में नहीं उपलब्ध रहने पर संबंधित समितियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई पूरा करेंगे. मिली जानकारी के अनुसार अब तक बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा 112 समिति स्वीकृतादेश जारी होने के बाद चावल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिसका लगातार समीक्षा भी विभागीय स्तर पर की जा रही है. चावल समय से उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो वैसे समितियां को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई भी हो सकती है. कुछ दिन पहले ही जिला सहकारिता पदाधिकारी ने 13 समितियों के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. उसके बाद भी चावल देने का रफ्तार में तेजी नहीं देखा जा रहा है. जिसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है. दस प्रखंडों में अभी तक किसानों से शुरू नहीं हुई गेहूं की खरीदारी जिले में 15 मार्च से गेहूं की खरीदारी शुरू कर देनी थी लेकिन निर्धारित समय पर फसल तैयार नहीं होने के कारण विलंब से खरीद का कार्य प्रारंभ कर दिया गया. लेकिन लक्ष्य के अनुरूप खरीदारी नहीं होने से विभाग की चिंता बढ़ गयी है. अभी तक 19 प्रखंडों में से नौ प्रखंडों में चयनित समितियों ने गेहूं की खरीदारी शुरू नहीं की है. केवल दस प्रखंडों में ही गेहूं की खरीदारी अभी तक शुरू हो पायी है. विभागीय जानकारी के अनुसार गेहूं खरीद करने के लिये 166 समितियां का चयन किया गया है. चयनित समितियों ने 24 किसानों से मात्र 88.350 एमटी गेहूं की खरीदारी पूरी की है. गेहूं बेचने के लिये अभी तक 500 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है. गेहूं बेचने के लिये भगवानपुर हाट में सबसे अधिक 118 तो सबसे कम नौतन और मैरवा में एक-एक किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने गेहूं खरीदारी में तेजी लाने के लिये सभी प्रखंडों में प्रचार प्रसार के लिये प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी को निर्देश दिया है ताकि अधिक से अधिक किसानों का गेहूं खरीदारी उन्हें सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाया जा सके. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने जिले के किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वह अधिक से अधिक संख्या में पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर अपना गेहूं पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से बिक्री करें. उन्होंने कहा है कि किसानों का राशि का भुगतान 48 घंटे के अंदर उनके खाते में कर दिया जायेगा. किसानों से 2275 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं की खरीद की जा रही है. पहले से इस बार गेहूं के दर में बढ़ोतरी भी सरकार के द्वारा किया गया है.

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