Bhagat and Kadam Won Gold In Para Badminton Tournament: वर्ल्ड नंबर एक पुरुष युगल टीम प्रमोद भगत और सुकांत कदम ने इंग्लैंड के शेफील्ड में चार देशों के पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. भारतीय जोड़ी ने SL3, SL4 वर्ग में पहला स्थान हासिल किया. भगत और कदम ने हमवतन दीप रंजन बिसोयी और मनोज सरकार को 21-17, 21-17 से हराकर गोल्ड जीता.
भगत ने एकल में भी जीता रजत
भगत ने एकल SL3 वर्ग में भी रजत पदक हासिल किया. एकल में भगत इंग्लैंड के डेनियल बेथेल से हार गए. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मिश्रित युगल SL3, SU5 वर्ग में मनीषा रामदास के साथ रजत पदक जीता. जीत के बाद भगत ने कहा, ‘युगल के नतीजे से मैं खुश हूं, लेकिन एकल और मिश्रित युगल से नहीं. इस साल बेथेल ने मुझे काफी चुनौती दी है, और उन्हें हराने के लिये खेल में सुधार करना होगा.’
कदम ने एकल में जीता कांस्य पदक
कदम की बात करें तो उनको सेमीफाइनल में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान ने 17-21, 21-15, 21-16 से हराया. इसके अलावा कदम ने एकल SL4 वर्ग में कांस्य पदक जीता. मिश्रित युगल में भगत और रामदास को इंडोनेशिया के हिकमत रमदानी और लीनी रात्रि ने 21-17, 21-17 से हराया.
अन्य भारतीयों में कृष्णा नागर ने SH6 वर्ग में स्वर्ण जीता, जबकि मानसी जोशी और टी मुरूगेसन ने महिला युगल SL3, SU5 वर्ग में स्वर्ण हासिल किया. पारूल परमार और शांतिया विश्वनाथन ने भी इस वर्ग में पदक जीता. इसी क्रम में नित्याश्री ने महिलाओं के SH6 वर्ग में रजत पदक जीता है, जबकि पुरूषों के SL3, SL4 वर्ग में दीप रंजन और मनोज, चिराग बरेथा और राज कुमार विजयी रहे.
रामदास ने महिलाओं के SU5 वर्ग में कांस्य पदक जीता. कृष्णा नागर और नित्याश्री ने मिश्रित युगल SH6 वर्ग में कांस्य हासिल किया. प्रेम कुमार आले और तुर्की की एमिाइन सेकिन ने मिश्रित युगल WH1, WH2 वर्ग में कांस्य पदक जीता. (भाषा इनपुट)
पैरा बैडमिंटन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें
पैरा बैडमिंटन विभिन्न प्रकार की शारीरिक अक्षमताओं वाले एथलीटों के लिए बैडमिंटन का ही एक पार्ट है. इसने 2020 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में पहली बार पैरालंपिक खेल के रूप में अपनी शुरुआत की. हालांकि, यह 1990 के दशक से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेला जाता रहा है. यह खेल बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन द्वारा शासित है. पहली विश्व चैंपियनशिप 1998 में नीदरलैंड के एमर्सफोर्ट में हुई थी. 2001 के बाद से यह टूर्नामेंट हर दो साल में एक बार आयोजित किया जाता है. आज तक 12 विश्व चैंपियनशिप आयोजित की जा चुकी हैं, जिनमें से आखिरी चैंपियनशिप 2019 में स्विट्जरलैंड में हुई थी.
इवेंट/क्लास
बैडमिंटन की तरह ही पैरा बैडमिंटन एथलीट पुरुष और महिला एकल, पुरुष और महिला युगल और मिश्रित युगल में प्रतिस्पर्धा करते हैं. सभी विकलांग खिलाड़ियों को समान मंच प्रदान करने के लिए एथलीटों की 6 श्रेणियां हैं. विशेष रूप से, नीचे बताए अनुसार 6 कक्षाएं (2 व्हीलचेयर और 4 खड़े होकर) हैं. दो व्हीलचेयर वर्ग और एक स्टैंडिंग वर्ग (निचले अंगों की कमजोरी वाले खिलाड़ी) एकल के लिए हाफ-कोर्ट खेलते हैं.
व्हीलचेयर 1 WH1: इस वर्ग के खिलाड़ियों को खेल खेलने के लिए व्हीलचेयर की आवश्यकता होती है। वे निचले अंगों और धड़ दोनों की हानि वाले एथलीटों के लिए हैं.
व्हीलचेयर 2 WH2: यह उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके एक या दोनों अंगों में हानि है और धड़ में न्यूनतम या कोई हानि नहीं है. WH1 की तरह, इस वर्ग के खिलाड़ियों को भी खेल खेलने के लिए व्हीलचेयर की आवश्यकता होती है.
स्टेंडिंग
स्टैंडिंग अपर 3 SL3: इस वर्ग के खिलाड़ियों के एक या दोनों अंगों में खराबी होती है और चलने या दौड़ने का संतुलन ख़राब होता है. इसके अलावा इस वर्ग में खिलाड़ी को खड़े होकर खेलना होगा.
स्टैंडिंग अपर SL4: यहां भी एक खिलाड़ी को खड़े होकर खेलना होगा. लेकिन यहां खिलाड़ियों को एसएल3 की तुलना में कम हानि होती है. खिलाड़ी को एक या दोनों अंगों में हानि हो सकती है और चलने/दौड़ने में संतुलन में न्यूनतम विकलांगता हो सकती है.
स्टैंडिंग अपर 5 SU5: इसमें खिलाड़ियों के ऊपरी अंगों में विकलांगता होती है। विकलांगता खेलने वाले या न खेलने वाले हाथ पर हो सकती है.
खड़ा कद 6 एसएच6: इस वर्ग में ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं जिनका कद आनुवंशिक स्थिति के कारण छोटा होता है जिसे ‘बौनापन’ भी कहा जाता है.