नयी दिल्ली : भारतीय हॉकी से इस्तीफा दे चुके कोच टेरी वॉल्श और हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के बीच विवाद अब खुल कर सामने आ गया है. एक ओर जहां टेरी फिर से कोच पद पर वापसी करने की सोच रहे हैं, वहीं बत्रा ने टेरी की जरूरत को नकार दिया है.
ज्ञात हो कि टेरी ने फिर से भारतीय टीम को कोचिंग देने की इच्छा जतायी है, लेकिन हॉकी इंडिया ने आज स्पष्ट किया कि उसे अब इस ऑस्ट्रेलियाई कोच की सेवाओं की जरुरत नहीं है. वॉल्श ने महासंघ और भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ मतभेद के बाद मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था. वॉल्श ने हालांकि भारत लौटने की इच्छा जताई थी बशर्ते हॉकी इंडिया तर्कसंगत हल निकालने की इच्छा दिखाए.
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने साइ महानिदेशक जिजि थामसन को लिखे पत्र में कहा, हॉकी इंडिया को अब टैरी वॉल्श की सेवाओं की जरुरत नहीं है और साइ की स्वीकृति से नये मुख्य कोच की तलाश करेगा. बत्रा ने हाल में आरोप लगाए थे यह ऑस्ट्रेलियाई कोच अमेरिकी हॉकी टीम के साथ अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं में शामिल रहा था.
बत्रा ने कहा कि वॉल्श खुद को शहीद के रुप में पेश करने का प्रयास कर रहे हैं. बत्रा ने लिखा, मैंने हॉकी इंडिया की सीईओ और ओल्टमैंस की मौजूदगी में 19 नवंबर के बाद वॉल्श को चैम्पियन्स ट्रॉफी (अमेरिकी हॉकी से जुडे मामले का पता लगने से पहले) तक भारतीय टीम के साथ रुकने के लिए पूरे एक महीने के वेतन की पेशकश की थी और उन्होंने रुकने से इनकार कर दिया जब तक कि साइ ऑस्ट्रेलिया में 120 दिन के वैतनिक अवकाश की उनकी मांग पर राजी नहीं होता और उस समय उन्होंने भारतीय टीम के प्रति कोई भावना नहीं दिखाई.
अब वह मीडिया के सामने खुद को शहीद और हॉकी इंडिया को खलनायक के रुप में पेश करना चाहता है. उन्होंने लिखा, हम आपसे आग्रह करते हैं कि हमारे ईमेल को भारत में हॉकी के लिए टेरी वॉल्श की पुन: नियुक्ति के लिए हॉकी इंडिया के नजरिये के रुप में माननीय खेल मंत्री के पास भेजा जाए.