जकार्ता : फवाद मिर्जा ने यहां रजत पदक जीतकर एशियाई खेलों की घुड़सवारी प्रतियोगिता में पिछले 36 वर्षों से व्यक्तिगत पदक पानेवाला पहला भारतीय बनने का गौरव हासिल किया, जबकि उनके प्रयासों से टीम भी दूसरा स्थान हासिल करने में सफल रही. ‘सिगनोर मेदिकोट’ नाम के घोड़े पर सवार मिर्जा ने ड्रेसेज और क्रास कंट्री क्वालिफायर्स में 22.40 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर रहते हुए जंपिंग फाइनल्स में प्रवेश किया. उन्होंने जंपिग फाइनल्स में 26.40 के स्कोर के साथ रजत पदक जीता.
जापान के ओइवा योशियाकी ने 22.70 के स्कोर के साथ स्वर्ण, जबकि चीन के अलेक्स ह्यून तियान (27.10) ने कांस्य पदक जीता. फवाद जर्मन ओलंपियन बेटिना हाय से प्रशिक्षण ले रहे थे. उन्होंने पिछले साल इटली के मोंटेलब्रेटी में एशियाई खेल सीसीआइ घुड़सवारी प्रतियोगिता के पहले दो ट्रायल्स में जीत दर्ज करके भारतीय टीम में जगह बनायी थी. इटली में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने फ्रांस और जर्मनी में भी अपने हुनर का प्रदर्शन करके जीत हासिल की थी. फवाद ने ऐसे समय में यह उपलब्धि हासिल की जब भारतीय घुड़सवारी टीम के लिए इंडानेशिया की राजधानी तक की राह आसान नहीं रही. भारतीय टीम को रवाना होने से केवल एक दिन पहले मान्यता कार्ड मिले थे. ऐसा भारतीय घुड़सवारी महासंघ की अंदरूनी कलह के कारण हुआ था, क्योंकि इएफआइ ने चयन को अमान्य घोषित कर दिया था.
टीम स्पर्धा में भी भारत को रजत पदक
मिर्जा के के शानदार प्रदर्शन के सहारे भारत ने टीम स्पर्धा में भी रजत पदक हासिल किया. इस टीम में मिर्जा के अलावा जितेंदर सिंह, आकाश मलिक और राकेश कुमार शामिल थे. भारतीय टीम का कुल स्कोर 121.30 रहा. जापान (82.40) ने स्वर्ण और थाईलैंड (126.70) ने कांस्य पदक जीता.
पांच वर्ष की उम्र से सीखरहे हैं घुड़सवारी
पांच साल की उम्र से घुड़सवारी सीख रहे मिर्जा ने 2014 में हुए एशियाई खेलों में इसी स्पर्धा में 10वां स्थान हासिल किया था. ऐसे में यह एशियाई खेलों का उनका पहला पदक है. इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जापान के योशियाकी ओइवा ने जीता. उन्होंने 22.70 सेकेंड का समय लिया.