जकार्ता : ओलिंपिक पदकधारी पीवी सिंधू और और साइना नेहवाल ने रविवारको यहां 18वें एशियाई खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता के महिला एकल सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के लिए इस महाद्वीपीय खेलों में ऐतिहासिक दो पदक पक्का किये.
लंदन ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना ने विश्व में पांचवें नंबर की थाइलैंड की खिलाड़ी रतचानोक इंतानोन से पहले गेम के शुरू में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करके 21-18, 21-16 से जीत दर्ज कर व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के 36 साल का पदक का सूखा खत्म किया. क्वार्टर फाइनल का यह मैच 42 मिनट तक चला. ओलिंपिक और विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता सिंधू ने भी थाईलैंड की ही एक अन्य खिलाड़ी जिंदापोल नितचाओन को 21-11, 16-21, 21-14 से हराकर पदक पक्का किया. यह एशियाई खेलों के बैडमिंटन में महिला एकल में भारत के पहले पदक हैं. सैयद मोदी एशियाई खेलों की एकल स्पर्धा में पदक जीतनेवाले एकमात्र भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं. उन्होंने 1982 में पुरुष एकल में कांस्य पदक जीता था. भारतीय टीम ने एशियाई खेलों में आठ पदक जीते है जिसमें छह पदक टीम स्पर्धा में और एक पुरुष युगल में जीता है.
सेमीफाइनल में सिंधू का सामना विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज जापान की अकाने यामागुची या चीन की चेन युफेई से होगा, जबकि साइना विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज चीनी ताइपै की ताइ जू यिंग से होगा जिन्होंने एक अन्य क्वार्टर फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-15, 21-10 से हराया. इस ऐतिहासिक पदक के पक्का होने के बाद सिंधू ने कहा कि उसकी जीत की भूख और बढ़ गयी है. विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज सिंधू ने कहा, ‘यह हमारे लिए शानदार (पदक का पक्का होना) पल है, लेकिन सफर अभी पूरा नहीं हुआ है. यह सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए न कि सिर्फ एक पदक. मैं सोच रही हूं शायद यह स्वर्ण हो.’ भारत के दोनों खिलाड़ियों के बीच फाइनल की संभावना के बारे में सिंधू ने कहा, ‘यह भारतीय बैडमिंटन के लिए शानदार होगा, फाइनल में संभवत: दो खिलाड़ी होंगे, शायद ऐसा होगा.’ साइना और सिंधू इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में एक दूसरे के खिलाफ खेल चुके है जहां साइना से स्वर्ण जीता था.
दूसरे गेम में खराब खेल के बारे में पूछे जाने पर सिंधू ने कहा कि वह दबाव में आ गयी थी और आसान गल्तियां कर बैठी. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि मैं इसे दो गेम में जीत दर्ज कर लूंगी, लेकिन मैंने कुछ आसान गल्तियां की और फिर मैं दबाव में आ गयी, दूसरे गेम में मेरा स्ट्रोक सही नहीं लग रहा था. अपनी गलतियों के कारण, मैंने दूसरा सेट गंवा दिया. मुझे यह नहीं सोचना चाहिए कि अगर पहला गेम आसान है, तो दूसरा भी आसान होगा.’ सिंधू पहला गेम आसानी से जीत गयी, लेकिन जिंदापोल ने दूसरे गेम में भारतीय खिलाड़ी को परेशान किया और गेम आपने नाम कर लिया. निर्णायक गेम में सिंधू 4-7 से पिछड़ रहीं थी, लेकिन लगातार सात अंक जीत कर उन्होंने लय पा ली और फिर विरोधी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया.
इससे पहले साइना अच्छी फार्म में होने के बावजूद शुरुआती गलतियों के कारण एक समय 1-5 और फिर से 3-8 से पीछे थी. भारतीय खिलाड़ी के पास आक्रामक होकर खेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, लेकिन इसके बावजूद ब्रेक तक स्कोर 3-11 हो गया. साइना के बैकहैंड पर रतचानोक ने ड्राप शॉट का अच्छा उपयोग किया, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अच्छी वापसी की तथा अपने रिटर्न और करारे शॉट से जल्द ही स्कोर 15-17 करने में सफल रही. रतचानोक ने शॉट नेट पर मारा जिससे स्कोर 18-18 से बराबर हो गया. थाई खिलाड़ी का बैकहैंड रिटर्न लाइन के बाहर जाने से साइना ने पहला गेम प्वाइंट हासिल किया और फिर तुरंत ही यह गेम अपने नाम भी कर दिया. साइना दूसरे गेम में शुरू से ही हावी हो गयी थीं और उन्होंने रतचानोक को किसी भी समय मौका नहीं दिया.
इस जीत के बात साइना ने कहा कि उसे पता नहीं है कि इन खेलों के व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिए पिछला पदक किस ने जीता है. विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज साइना ने कहा, ‘हम इस बारे में चर्चा कर रहे थे. हमें पता नहीं था. गोपी सर ने कहा फोन दूर रखो.’ साइना ने हाल में विश्व चैंपियनशिप और इंडोनेशियाई मास्टर्स में रतचानोक को हराया था. उन्होंने दोनों खिलाड़ियों के बीच पिछले पांच से में चार मैचों में जीत के बेहतर रिकार्ड के साथ मैच में कदम रखा था. साइना ने कहा, ‘वह मजबूती से खेल रही थी और मुझे पता था की वह मुझे चुनौती देगी. मैं उसे गंभीरता से ले रही थी, उसने इससे पहलेवाले मैच में सुंग जी ह्यून को हराया था.’ पहले गेम मे पिछड़ने के बाद रणनीति के बारे में पूछे जाने पर साइना ने कहा, ‘शुरू में मेरा मूवमेंट अच्छा नहीं था, लेकिन 12-3 के स्कोर के बाद मैंने खुल कर खेलना शुरू किया और उसके शॉट का जवाब देने लगी.’ उन्होंने कहा, ‘इस बीच एक-दो रैली में मैंने उसे थकता हुआ महसूस किया, लेकिन उसे हराना काफी कठिन था. वह आक्रामक खेल रही थी.