टीम इंडिया ने पाकिस्तान से हाथ न मिलाकर गलत किया, पूर्व क्रिकेटर ने उठाई विरोधी आवाज, गंभीर पर साधा निशाना

Asia Cup 2025 IND vs PAK- No Handshake Controversy: भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2025 का मैच जीतने के बाद बिना हाथ मिलाए ड्रेसिंग रूम का रुख कर लिया. इस पर सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टीम इंडिया की काफी वाहवाही हुई, लेकिन अब भारत के पूर्व क्रिकेटर ने ही इसके खिलाफ आवाज उठाई है. साथ ही उन्होंने गंभीर पर भी निशाना साधा है.

By Anant Narayan Shukla | September 16, 2025 9:56 AM

Asia Cup 2025 IND vs PAK- No Handshake Controversy: भारतीय टीम ने एशिया कप 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच के बाद हाथ नहीं मिलाया. सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने मैच तो जीता ही, इस जीत को पहलगाम हमले में मारे गए लोगों और इंडियन आर्मी को भी समर्पित कर दिया. मेन इन ब्लू के इस साहसिक और देशभक्ति भरे फैसले की ढेर सारी वाहवाही हुई, जबकि इसी मैच को बॉयकॉट करने की काफी मांग उठी थी. हालांकि सूर्या के इस एक्ट को मनोज तिवारी ने गलत बताया और उन्होंने इसके लिए गौतम गंभीर पर भी निशाना साधा. 

क्या पाकिस्तान टीम से पारंपरिक हैंडशेक करने से टीम इंडिया का इनकार सही था? मनोज तिवारी के लिए यह सही नहीं था. पूर्व भारतीय क्रिकेटर के अनुसार, मेन इन ब्लू ने जो किया वह गलत था. शायद इसे दिखावटी भी कहा जा सकता है. मनोज तिवारी ने इनसाइडस्पोर्ट के साथ इंटरव्यू में कहा, “अगर सूर्या पाकिस्तान के कप्तान से ट्रॉफी की ओपनिंग सेरेमनी के दौरान हाथ मिला सकते हैं, तो फिर मैच के दौरान क्या हुआ? इन सब चीजों के जरिए गौतम गंभीर बस अपनी पाखंड को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं.”

ओपनिंग सेरेमनी में मिलाया हाथ, अब क्या हुआ?

मनोज ने कहा कि पाँच दिन पहले ही भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन मोहसिन नकवी से हाथ मिलाया था. अगर तब बीसीसीआई और टीम इंडिया को कोई दिक्कत नहीं थी, तो अब क्यों? सभी को याद है कि सूर्या को कितनी आलोचना झेलनी पड़ी थी. और शायद उसी आलोचना से बचने के लिए मैच के बाद हैंडशेक करने का निर्णय छोड़ दिया गया. इसका मतलब, पहलगाम के शहीदों या भारतीय सेना को जीत समर्पित करना दरअसल केवल आलोचना से बचने की रणनीति थी.

मनोज ने कहा, “मुझे यह बिल्कुल सही नहीं लगा. एक बार जब आप पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का फैसला ले चुके हैं, मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस का क्लिप देखा जिसमें दोनों कप्तानों ने हाथ मिलाया था. वहाँ सूर्या ने सलमान आगा से हाथ मिलाया. तो फिर आप मैच के बाद क्या संदेश देना चाहते हैं? कि ‘मैं जीतने के बाद हाथ नहीं मिलाऊँगा और यह जीत शहीदों व पीड़ित परिवारों को समर्पित है.’”

पाकिस्तान का बहिष्कार कर खुद को बचा रहे गंभीर?

मनोज ने यह भी अंदाजा लगाया कि शायद यह फैसला भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने लिया होगा. काफी समय से गंभीर का कहना रहा है कि भारत-पाकिस्तान मैच नहीं होने चाहिए. मनोज ने याद दिलाया कि गंभीर तब दूसरों की आलोचना करने में पीछे नहीं रहते थे, लेकिन जब उन्हीं के पास पद आया तो उन्होंने खुद मैच का बहिष्कार नहीं किया. मनोज ने पहले भी सवाल उठाया था कि जब एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच तय हुआ था तो गंभीर ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?

मनोज ने कहा, “मेरा मानना है कि हेड कोच खुद दबाव में थे क्योंकि उन्होंने पहले जब टीम की जिम्मेदारी नहीं ली थी, तब ऐसे कई बयान दिए थे जिन्हें अब वो डिफेंड नहीं कर पा रहे थे. उनके पास खुद बाहर होने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. मुझे लगता है कि उन्होंने आलोचना से बचने और शहीदों के प्रति समर्थन दिखाने के लिए खिलाड़ियों को पाकिस्तान से हाथ न मिलाने की हिदायत दी.”

हैंडशेक-गेट के बाद, पीसीबी ने टीम इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और भारत-पाकिस्तान मैच के लिए मैच रेफरी को हटाने की मांग की है. हालांकि आईसीसी शायद ही इस पर कोई एक्शन ले, क्योंकि ऐसा करना किसी भी नियम में नहीं लिखा है, बल्कि खिलाड़ी सद्भावना के तहत ऐसा करते हैं. 

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