कोलकाता : पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली ने सोमवार को खुलासा किया कि उन्हें ‘जान से मारने’ धमकी मिली है और उनसे मिदनापुर में 19 जनवरी को विद्यासागर विश्वविद्यालय की अंतर कॉलेज क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने के लिए कहा गया है.
मिदनापुर के स्थानीय सूत्रों ने पीटीआइ को बताया कि जेड आलम नाम के किसी व्यक्ति ने गांगुली की मां निरुपा के नाम पत्र लिख कर इस दिग्गज क्रिकेटर को इस कार्यक्रम से दूर रहने के लिए कहा है. गांगुली को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया गया है. पत्र में लिखा गया है, ‘‘आपके बेटे को चेतावनी दी जाती है कि वह इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लें. यदि उसने यहां आने का दुस्साहस किया, तो आप फिर उसका चेहरा नहीं देख पाओगी. गांगुली ने कहा कि मुझे सात जनवरी को पत्र मिला और मैंने पुलिस एवं आयोजकों को इसकी सूचना दे दी है.
शास्त्री ने कहा कप्तानों में सर्वश्रेष्ठ हैं धौनी, गांगुली नहीं
टीम इंडिया के पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री ने हाल ही में भारतीय वनडे और टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने वाले महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धौनी की जम कर तारीफ की है. शास्त्री ने धौनी की तारीफ करते हुए दादा कप्तान बताया और भारत के सबसे सफल कप्तानों में टॉप पर बताया. एक समय था कि शास्त्री धौनी को कप्तानी छोड़ देने और विराट कोहली को क्रिकेट के तीनों प्ररूपों की कप्तानी सौंप देने की बात करने वालों में सबसे आगे थे. धौनी के साथ उनके मनमुटाव की भी खबरें मीडिया जगत में चर्चा पर रही. हालांकि धौनी और शास्त्री ने हमेशा इस बात से इनकार किया कि दोनों के बीच विवाद है. बहरहाल शास्त्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि धौनी ने हाल में जो किया वो बिल्कुल ही सही फैसला था. धौनी ने सही समय पर सही फैसला लिया है. हालांकि इस दौरान शास्त्री ने सौरव गांगुली को भारत का सबसे सफल कप्तान मानने से इनकार किया और उनका नाम भी नहीं लिया. सौरभ गांगुली का नाम नहीं लेने से एक बार फिर से दादा के प्रति उनके मनमुटाव को समझा जा सकता है. शास्त्री और गांगुली के बीच मनमुटाव की खबरें किसी से छिपी नहीं है. टीम इंडिया के मुख्य कोच की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार पैनल में सचिन तेंडुलकर, सौरभ गांगुली और राहुल द्रविड़ थे, जब अनिल कुंबले को टीम इंडिया का मुख्य कोच चुना गया, तो सबसे पहले इसका विरोध करने वालों में शास्त्री ही थे.