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रिचर्डस और गावस्कर का मिश्रण बनना चाहता थाः सचिन

मुंबई: खेल के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर ने आज कहा कि जीवन में ‘हीरो’ का होना महत्वपूर्ण है और वह भी अपने बचपन के आदर्श विवियन रिचर्डस और सुनील गावस्कर का मिश्रण बनना चाहते थे. तेंदुलकर ने आज यहां ‘गेमिंग एंड एक्सपीरियंस’ केंद्र ‘स्मैश’ में अपने प्रशंसकों के साथ बातचीत के दौरान […]

मुंबई: खेल के महानतम बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर ने आज कहा कि जीवन में ‘हीरो’ का होना महत्वपूर्ण है और वह भी अपने बचपन के आदर्श विवियन रिचर्डस और सुनील गावस्कर का मिश्रण बनना चाहते थे.

तेंदुलकर ने आज यहां ‘गेमिंग एंड एक्सपीरियंस’ केंद्र ‘स्मैश’ में अपने प्रशंसकों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘सभी खिलाड़ियों को अपनी अलग पहचान होना पसंद है और यह महत्वपूर्ण है. जीवन में हीरो होना अच्छा है. जब मैं बड़ा हो रहा था तो मेरे जीवन में कुछ नायक थे. मैं विवियन रिचर्डस और सुनील गावस्कर का मिश्रण बनना चाहता था.’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मौजूदा पीढ़ी के लिए किसी को हीरो बनाना अहम है और इसके बाद अपने हीरो के अधिक से अधिक करीब पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए. हीरो हमेशा हीरो रहता है और ऐसा ही होना चाहिए.’’ कुछ दिन पहले अपना 40वां जन्मदिन मनाने वाले तेंदुलकर ने इस मौके पर केक भी काटा. उन्होंने कहा, ‘‘यह 40वां केक है जो मैं काट रहा हूं इसलिए अब हमें रुक जाना चाहिए.’’ बल्लेबाज के रुप में तेंदुलकर को साइट स्क्रीन के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा और 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाले इस बल्लेबाज ने इसे स्वीकार किया.

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘आपको पता है कि मैं साइट स्क्रीन को लेकर शिकायत करता रहता हूं. मैं इससे गुजरा हूं. जब मैं बल्लेबाजी कर रहा होता हूं तो 50000 से अधिक लोग मौजूद होते हैं और आप गेंद को नहीं देख पाते क्योंकि गेंदबाज कभी कभी इसे काफी उपर से छोड़ता और साइट स्क्रीन काफी उंची नहीं होती.’’उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपके पास अधिक विकल्प नही होते. इससे आपको अधिक एकाग्र होने में मदद मिलती है.

आपके पास प्रतिक्रिया देने के लिए कुछ समय कम होता है और आप इन चीजों को बदल नहीं सकते. आपको सिर्फ सामंजस्य बैठाना होता है और जब गेंदबाज गेंदबाजी कर रहा हो तो खुद को जल्द तैयार करने का तरीका ढूंढना होता है.’’ यह पूछने पर कि क्या वह और मुंबई इंडियन्स टीम के उनके साथी और कप्तान रिकी पोंटिंग मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग में सुझाव साझा करते हैं तो तेंदुलकर ने इसका जवाब हां में दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘हां हम ऐसा करते हैं. हम एक ही टीम के लिए खेलते हैं. हमारा एक ही लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं. जब आप एक ही टीम का हिस्सा हों तो आप अपने विचारों को साझा करते हैं और किसी भी टीम में ऐसा ही होना चाहिए.’’
तेंदुलकर ने कहा कि वह घरेलू क्रिकेट के बारे में अपना ज्ञान पोंटिंग के साथ बांट रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यहां ज्यादा जानकारी देनी पड़ती है क्योंकि मैं अपने क्रिकेटरों के बारे में थोड़ा अधिक जानता हूं जबकि रिकी को उन्हें खेलते हुए देखने का अधिक मौका नहीं मिला है.

इसके अलावा टीम बैठकों में कई चीजों पर चर्चा होती है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कई बातें ऐसी होती हैं जो अचानक आपके दिमाग में आती हैं और आप उन्हें बांटते हो. इसलिए यह अपने ज्ञान को बांटना और गेंदबाज के बारे में बताने से जुड़ा है. ’’
तेंदुलकर ने कहा कि युवा क्रिकेटरों में खेल के प्रति जुनून और अपना कौशल सुधारने के लिये कड़ी मेहनत करने की दृढ इच्छाशक्ति होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट के प्रति दीवानगी बहुत जरुरी है. आपने कितने समय अभ्यास किया या कितनी गेंद खेली या कितनी गेंद फेंकी आप इसको नहीं गिन सकते. आप गिन नहीं सकते. आप अपनी घड़ी नहीं देख सकते. आपके केवल और केवल अभ्यास करना है. ’’ इस स्टार बल्लेबाज ने कहा, ‘जब मैं आपकी उम्र का था तो मैं लंबे समय तक अभ्यास करता था. मैं सुबह साढ़े सात बजे अभ्यास शुरु करता था और शाम को साढ़े सात बजे तक करता रहता था. मेरे कोच को मेरा किट बैग बांधकर वापस भेजना पड़ता था.

वह मुझसे कहते थे कि अब क्रिकेट खेलने के लिये काफी अंधेरा हो गया है और हम सभी घर जाना चाहते हैं. ’’ तेंदुलकर कहा, ‘‘मेरी क्रिकेट के प्रति ऐसी दीवानगी थी और अब भी जस की तस बनी हुई है. लड़के हों या लड़कियां जो भी क्रिकेटर बनना चाहते हैं उनमें क्रिकेट के प्रति दीवानगी होनी चाहिए. क्रिकेट पहले आपके दिल में होना चाहिए और धीरे धीरे आपको पता चलेगा कि रन कैसे बनाने हैं या गेंदबाजी कैसी करनी है. पहले क्रिकेट आपके दिल में होना चाहिए और बाकी सब बाद की चीज है. ’’ तेंदुलकर से पूछा गया कि वह पहले जितनी गेंदबाजी किया करते थे अब क्यों नहीं करते, उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि यहां मुझसे बेहतर गेंदबाज हैं.

हां पहले मैं गेंदबाजी किया करता था लेकिन हो सकता है कि मेरी बारी ही नहीं आती या फिर अन्य गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी कभार गेंदबाजी करना पसंद करता हूं लेकिन मैं खुद को नियमित गेंदबाज नहीं मानता. मैं खुद को साझेदारी तोड़ने वाला गेंदबाज मानता हूं. जब भी बड़ी साझेदारी होती थी मैं एक दो ओवर करने के लिये आ जाता था. यदि मैं चल गया तो ठीक नहीं तो मैं किसी तरह के दबाव में नहीं आता क्योंकि आपके मुख्य गेंदबाजों को दबाव और जिम्मेदारी संभालनी होती है. वनडे क्रिकेट में मैंने गेंदबाजी की लेकिन अब मैं वनडे क्रिकेट से संन्यास ले चुका हूं. ’’

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