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आतिशी बल्लेबाजी ने दिलायी भारत को जीत, सीरिज 2-2 से बराबर

नागपुर : विराट कोहली और शिखर धवन के शानदार शतकों की बदौलत भारत ने छठे एकदिवसीय क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां आस्ट्रेलिया के विशाल लक्ष्य को एक बार फिर सफलतापूर्वक भेदकर सात मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर कर दी.कोहली ने 66 गेंद में एक छक्के और 18 चौकों की मदद से नाबाद 115 […]

नागपुर : विराट कोहली और शिखर धवन के शानदार शतकों की बदौलत भारत ने छठे एकदिवसीय क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां आस्ट्रेलिया के विशाल लक्ष्य को एक बार फिर सफलतापूर्वक भेदकर सात मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर कर दी.कोहली ने 66 गेंद में एक छक्के और 18 चौकों की मदद से नाबाद 115 रन की तेजतर्रार पारी खेली जबकि धवन ने भी 100 रन बनाए जिससे भारत ने आस्ट्रेलिया के 351 रन के लक्ष्य को तीन गेंद शेष रहते चार विकेट पर 351 रन बनाकर हासिल कर लिया.

आस्ट्रेलिया ने इससे पहले कप्तान जार्ज बैली (156) और शेन वाटसन (102) के तूफानी शतकों की मदद से छह विकेट पर 350 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था.

मेजबान टीम ने श्रृंखला में दूसरी बार 350 रन से अधिक के लक्ष्य हासिल किया है. भारत ने इससे पहले जयपुर में दूसरे वनडे में 360 रन के लक्ष्य को 44वें ओवर में ही हासिल कर लिया था.

कोहली ने धवन के साथ दूसरे विकेट के लिए 6.3 जबकि सुरेश रैना (16) के साथ 6.2 ओवर में 56..56 रन की साझेदारी की. इन दोनों साझेदारियों में कोहली का योगदान 40 और 39 रन का रहा. कोहली ने इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (23 गेंद में नाबाद 25) के साथ पांचवें विकेट के लिए 61 रन की अटूट साझेदारी करके टीम की जीत सुनिश्चित की.

इससे पहले रोहित शर्मा (79) और धवन की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 178 रन की रिकार्ड साझेदारी करके भारत को शानदार शुरुआत दिलाई. इससे पूर्व पहले विकेट के लिए आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ओर से सबसे बड़ी साङोदारी का 176 रन का रिकार्ड इन्हीं दोनों के नाम पर था जो उन्होंने 16 अक्तूबर को जयपुर दूसरे वनडे में बनाया था. श्रृंखला का सातवां और निर्णायक मैच दो नवंबर को बेंगलूर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा.

लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत को धवन और रोहित की सलामी जोड़ी ने रिकार्ड शतकीय साङोदारी करते हुए बेहतरीन शुरुआत दिलाई. दोनों ने शुरुआत में धीमी बल्लेबाजी की लेकिन लय में आने के बाद आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की खूब धुनाई की. धवन को 19 और 56 रन के स्कोर पर जीवनदान मिला. पहले जेम्स फाकनर की गेंद पर प्वाइंट में ग्लेन मैक्सवेल जबकि बाद में मैक्सवेल की गेंद पर आरोन फिंच ने उनका कैच टपकाया. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने शेन वाटसन पर चौका जड़कर 50 गेंद में अर्धशतक पूरा किया.

रोहित ने मैक्सवेल की गेंद पर एक रन के साथ 19वें ओवर में भारत के रनों का सैकड़ा पूरा किया. धवन ने इसके बाद अपने तेवर दिखाते हुए स्पिनर जेवियर डोहर्टी और जानसन पर दो-दो चौके मारे. रोहित ने भी जानसन पर फाइन लेग में चौका जड़कर 72 गेंद में अपना 19वां वनडे शतक पूरा किया. उन्होंने इसके बाद फिंच पर पारी का पहला छक्का जड़ा और फिर मैक्सवेल पर भी दो छक्के मारे. दायें हाथ का यह बल्लेबाज हालंकि फिंच की गेंद को हवा में लहराकर फाकनर को कैच दे बैठा. उन्होंने 89 गेंद की अपनी पारी में सात चौके और तीन छक्के मारे.

कोहली ने इसके बाद मैच का रुख भारत के पक्ष में मोड़ा. उन्होंने 33वें ओवर में डोहर्टी पर दो चौके और एक छक्के सहित 17 रन बटोरे और टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया. भारत ने 34वें ओवर में बल्लेबाजी पावरप्ले लिया और इसमें 46 रन जोड़े लेकिन इस दौरान धवन का विकेट गंवाया. धवन हालांकि इससे पहले अपने 24वें वनडे में अपना चौथा शतक जड़ने में सफल रहे. उन्होंने फाकनर की गेंद पर दो रन के साथ 100 गेंद में अपना शतक पूरा करने के साथ वनडे क्रिकेट में 1000 रन भी पूरे किए. धवन हालांकि इसी ओवर की अंतिम गेंद पर बोल्ड हो गए. उन्होंने 102 गेंद की अपनी पारी में 11 चौके मारे.

कोहली ने फाकनर पर चौके के साथ 31 गेंद में अर्धशतक पूरा किया जो वनडे क्रिकेट में उनकी लगातार पांचवीं 50 रन से अधिक की पारी है.भारत को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिए 84 रन की दरकार थी.कोहली ने जानसन पर लगातार तीन चौके जड़कर रन और गेंद के बीच के अंतर को कम करने की कोशिश की लेकिन सुरेश रैना 15 गेंद में 16 रन बनाने के बाद जानसन की गेंद पर विकेटकीपर ब्रैड हैडिन को कैच दे बैठे. जानसन ने दो गेंद बाद युवराज सिंह (00) को भी बोल्ड करके भारत को चौथा झटका दिया.

आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने टीम को वापसी दिलाई. भारत को 27 गेंद में 48 रन की दरकार थी लेकिन इस बीच कोहली ने एक बार फिर मैच का रुख भारत की ओर कर दिया. कोहली ने फाकनर पर लगातार तीन चौके मारे और इसके साथ 60 गेंद में अपना 17वां वनडे शतक भी पूरा किया. भारत को इसके बाद जीत दर्ज करने में कोई दिक्कत नहीं हुई.

इससे पहले बैली और वाटसन ने तीसरे विकेट के लिए 168 रन जोड़कर आस्ट्रेलिया को विशाल स्कोर तक पहुंचाने का मंच तैयार किया. बेहतरीन फार्म में चल रहे बैली ने पारी के अंतिम ओवर में पवेलियन लौटने से पहले 114 गेंद में 13 चौकों और छह छक्कों की मदद से 156 रन की पारी खेली. वाटसन ने 94 गेंद में 13 चौके और तीन छक्के जड़े.

अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने वाले बैली ने एडम वोजेस (नाबाद 44) के साथ भी सिर्फ 13.2 ओवर में पांचवें विकेट के लिए 120 रन जोड़े जिससे आस्ट्रेलियाई टीम श्रृंखला में चौथी बार 300 रन से अधिक का स्कोर बनाने में सफल रही. भारत के सभी गेंदबाज काफी महंगे साबित हुए. सिर्फ भुवनेश्वर कुमार ने ही छह रन प्रति ओवर से कम के रन रेट से रन दिए. मेजबान टीम की ओर से रविचंद्रन अश्विन और जडेजा ने क्रमश: 64 और 68 रन देकर दो-दो विकेट चटकाए. जडेजा इस दौरान वनडे क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले 15वें भारतीय गेंदबाज भी बने.

धौनी ने टास जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया और उनके गेंदबाजों ने 12वें ओवर में 45 रन तक दोनों सलामी बल्लेबाजों फिलिप ह्यूज (13) और आरोन फिंच (20) को पवेलियन भेजकर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई. ह्यूज ने भुवनेश्वर की गेंद पर स्क्वायर लेग पर विराट कोहली को कैच थमाया जबकि फिंच अश्विन की सीधी गेंद पर चकमा खाकर बोल्ड हुए.

वाटसन और बैली ने इसके बाद मोर्चा संभाला. इन दोनों ने आस्ट्रेलिया की ओर से भारत के खिलाफ तीसरे विकेट की दूसरी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी की. सर्वश्रेष्ठ साझेदारी का रिकार्ड रिकी पोंटिंग और डेमियन मार्टिन के नाम है जिन्होंने 2003 विश्व कप के फाइनल में जोहानिसबर्ग में 234 रन की अटूट साङोदारी की थी. वाटसन ने इस बीच भारत के खिलाफ अपना पहला और कुल नौवां शतक जड़ा. दूसरी तरफ बैली शुरुआत से ही शानदार फार्म में दिखे. उन्होंने मोहम्मद शमी पर लगातार तीन चौके जड़कर अपने तेवर दिखाए. भारत ने इस मैच में लेग स्पिनर अमित मिश्र को मौका दिया लेकिन वह भी नाकाम रहे और उन्होंने 78 रन खर्च कर डाले. भुवनेश्वनर ने 42 रन देकर एक विकेट हासिल किया और वह सबसे किफायती गेंदबाज रहे.

इससे पहले वाटसन भाग्यशाली रहे जब जडेजा की गेंद पर लपके गए लेकिन यह नोबाल हो गई. इस बल्लेबाज ने तीनों स्पिनरों को अपने निशाने पर रखा और मिश्र पर दो छक्के मारे. वाटसन ने शमी पर लगातार तीन चौके जड़कर अपना शतक पूरा किया लेकिन इसी तेज गेंदबाज की गेंद पर बोल्ड हो गए. मैक्सवेल (09) इस बार नाकाम रहे और अश्विन की गेंद को बाउंड्री पर भुवनेश्वर कुमार को कैच दे बैठे.

बैली ने इसके बाद अपने 34 मैच के वनडे करियर में अपना दूसरा शतक पूरा किया. वह इससे पहले श्रृंखला के दो बार शतक से चूक गए थे.आस्ट्रेलिया ने अंतिम 15 ओवर में 137 रन जुटाये.

लंबे समय में क्रिकेट के लिए सही नहीं है इतने बड़े लक्ष्य हासिल करना: धोनी

नागपुर: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सात मैचों की मौजूदा क्रिकेट श्रृंखला में आज यहां दूसरी बार आस्ट्रेलिया के 350 रन से अधिक के लक्ष्य को हासिल करने पर खुशी जताई लेकिन साथ ही कहा कि इतने बड़े लक्ष्य को हासिल कर लेना लंबे समय में क्रिकेट के लिए सही नहीं है.

आस्ट्रेलिया ने कप्तान जार्ज बैली (156) और शेन वाटसन (102) के तूफानी शतकों की मदद से छह विकेट पर 350 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था.भारत ने इसके जवाब में विराट कोहली (66 गेंद में एक छक्के और 18 चौकों की मदद से नाबाद 115) और सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (100) के शतकों की मदद से तीन गेंद शेष रहते चार विकेट पर 351 रन बनाकर जीत दर्ज की.

भारत ने इससे पहले जयपुर में दूसरे वनडे में 360 रन के लक्ष्य को 44वें ओवर में ही हासिल कर लिया था. धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘नियमों में बदलाव के बाद गेंदबाजों के खिलाफ अधिक रन बन रहे हैं. एक अतिरिक्त खिलाड़ी अंदर होता है जिससे बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान हो जाता है. ऐसा लगता है 350 रन पहले के 280, 290 या 300 रन की तरह हो गए हैं. तेज गेंदबाज भी थर्ड मैन और फाइन लेग को अंदर रखकर गेंदबाजी करने लगे हैं.’‘उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि खेल किस ओर जा रहा है. इससे मनोरंजन हो रहा है लेकिन अगर हम इस तरह लक्ष्य को हासिल करते रहे तो लंबे समय में यह खेल की सेहत के लिए अच्छा नहीं होगा. हमें आज सात घंटे में सिर्फ चौके और छक्के ही देखने को मिले.’‘

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