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हार के बाद बोले कप्‍तान धौनी, टी-20 में ज्यादा दिमाग का इस्तेमाल नहीं करना है

कटक : दक्षिण अफ्रीका के हाथों टी20 श्रृंखला में मिली हार के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा है कि हर साल एक खराब प्रदर्शन उन्हें याद दिलाता है कि इस प्रारुप में ज्यादा दिमाग का इस्तेमाल नहीं करना है. धौनी ने दूसरे वनडे में छह विकेट से मिली हार के बाद कहा, […]

कटक : दक्षिण अफ्रीका के हाथों टी20 श्रृंखला में मिली हार के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा है कि हर साल एक खराब प्रदर्शन उन्हें याद दिलाता है कि इस प्रारुप में ज्यादा दिमाग का इस्तेमाल नहीं करना है. धौनी ने दूसरे वनडे में छह विकेट से मिली हार के बाद कहा, ‘हर साल टी-20 में हमने ऐसा एक प्रदर्शन देखा है जिसमें हम अच्छा नहीं खेल पाये. अब शायद हम अगले मैचों में खुलकर खेल सकेंगे.’ उन्‍होंने मजाकिया लहजे में कहा कि खुलकर नहीं खेलने और जरुरत से ज्यादा सोचने से टी-20 क्रिकेट में मामला पेचीदा हो सकता है.

उन्होंने कहा, ‘मेरा निजी तौर पर मानना है कि मैने इस प्रारुप में बहुत दिमाग लगाया. खुलकर अपने स्ट्रोक्स खेलना जरुरी था. मैने शुरुआत में वैसे ही खेला. इस प्रारुप में आते ही बडे शाट्स खेलना जरुरी है.’ बल्लेबाजी क्रम में उपर आने के बारे में उन्होंने कहा, ‘अधिकांश समय जब मैं बल्लेबाजी के लिये जाता हूं, चाहे वह 16वां या 17वां ओवर हो या चौथा या पांचवां ओवर जब विकेट गिर जाते हैं तब भी मेरा मानना होता है कि 130 के पार बनाना चाहिये जो अच्छा स्कोर होगा.’ उन्होंने कहा, ‘मैं बल्लेबाजी क्रम में इसलिये भी उपर आना चाहता हूं कि निचले क्रम पर कोई और जिम्मेदारी ले. नंबर छह काफी महत्वपूर्ण क्रम है.’

धौनी ने कहा कि टी20 श्रृंखला का सकारात्मक पहलू यह है कि इससे पांच मैचों की वनडे श्रृंखला से पहले सही टीम संयोजन तलाशने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘टी-20 की अच्छी बात यह है कि वनडे से पहले हमें अच्छा अभ्यास मिल गया है. हम इसका पूरा फायदा उठाकर वनडे के लिये सर्वश्रेष्ठ टीम संयोजन उतारेंगे.’ धर्मशाला में हार का कारण खराब गेंदबाजी रहा तो यहां बल्लेबाज कमजोर कडी साबित हुए हालांकि कप्तान ने बल्लेबाजों का बचाव किया. उन्होंने कहा, ‘पिछले मैच में हमने अच्छी बल्लेबाजी की थी. हम दो पहलुओं पर मेहनत करना चाहते थे, एक रन आउट रोकना और दूसरा जल्दी विकेट नहीं गंवाना. इस मैच में इन्हीं दो वजहों से हमारी बल्लेबाजी कमजोर हुई. हमें 140-150 रन बनाने चाहिये थे.’

बल्लेबाजी के बारे में धौनी ने कहा, ‘यदि आप हमारी टीम को देखें तो टी-20 और वनडे में अधिकांश बल्लेबाज वहीं हैं. यही हमारी ताकत है और अचानक से लोगों को उस तरह का खेल खेलने के लिये नहीं कह सकते जो उनकी ताकत नहीं है.’ धौनी ने स्पिनर आर अश्विन की तारीफ की जिसने 24 रन देकर तीन विकेट लिये. उन्होंने कहा, ‘स्पिनर हमारी ताकत रहे हैं. उन्हें पिच से ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी लेकिन उन्होंने उछाल का सही इस्तेमाल किया. धर्मशाला में मैदान छोटा होने से हम अतिरिक्त स्पिनर को नहीं उतार सके थे. कुल मिलाकर स्पिनर हमारी ताकत हैं और उनके अच्छा नहीं खेलने से हमारे प्रदर्शन पर असर पडता है.’

धौनी ने आगे कहा कि ओस को देखते हुए मैच थोडा पहले कराना बुरा प्रस्ताव नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि इस मौसम में हालात के कारण अंतिम एकादश चुनना मुश्किल होता है. कई बार टास भी अहम हो जाता है. यही वजह है कि मैं मैच थोडा पहले शुरू करने का हिमायती रहा हूं ताकि ओस का ज्यादा असर नहीं पडे.’ बाराबती की पिच पर कुछ दरारें थी और धोनी ने कहा कि वे अपने अनुकूल पिचें बनाने की मांग नहीं करते, खासकर सीमित ओवरों के प्रारुप में. उन्होंने कहा, ‘वनडे और टी20 प्रारुप में हम ऐसी कोई मांग नहीं करते. मेजबान संघ सर्वश्रेष्ठ पिच बनाता है और हम उसी पर खेलते हैं.’

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