नयी दिल्ली : भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि हितों के टकराव के करार पर हस्ताक्षर करने से डरने की कोई वजह नहीं है और क्रिकेट को साफ सुथरा बनाने के लिए बीसीसीआई के इस कदम को सकारात्मक लिया जाना चाहिए.पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को आईपीएल टीम खरीदने की अनुमति देने और बाद में उस पर विवाद होने के बाद बोर्ड के नये पदाधिकारी छवि सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के साथ बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य गांगुली ने इस कदम का स्वागत किया है.
यदि ऐसा कुछ है तो बीसीसीआई इससे निपट सकता है. गांगुली टेस्ट में विराट कोहली और वनडे में महेंद्र सिंह धौनी के मार्गदर्शन में भारतीय टीम का प्रदर्शन देखने को भी बेताब हैं. गांगुली ने कहा , भारत में कभी अलग- अलग प्रारूप के लिए अलग कप्तान नहीं रहे. यह स्थिति धौनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद पैदा हुई है.
दुनिया में दूसरी टीमों के पास अलग- अलग कप्तान हैं मसलन ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के पास. यदि आप जीतते हैंतो यह रणनीति सही है , वरना नहीं. उन्होंने अनुभवी स्पिनरों हरभजन सिंह और अमित मिश्रा को श्रीलंका दौरे के लिए टीम में शामिल किये जाने के फैसले का भी बचाव किया. उन्होंने कहा , मुझे अनुभवी या गैर अनुभवी से कोई दिक्कत नहीं है. मसला यह है कि आपका प्रदर्शन कैसा है. खेलने से अनुभव आता है. हरभजन, अश्विन और मिश्रा पर मुझे काफी भरोसा है. प्रज्ञान ओझा भी अच्छा स्पिनर है. श्रीलंकाई पिचों पर वे अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे.