सिडनी : कल सिडनी के क्रिकेट ग्राउंड पर जब भारतीय क्रिकेट टीम मैदान में उतरेगी, तो उसका इरादा ऑस्ट्रेलिया से बदला चुकाने का होगा. ऑस्ट्रेलिया में खेले गये टेस्ट सीरीज और ट्राई सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शर्मनाक प्रदर्शन को भुलाने के लिए टीम इंडिया अपना पूरा जोर लगा देगी.हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे के उस शर्मनाक प्रदर्शन का गम भारत ने विश्व कप में शानदार खेल दिखाकर दूर कर दिया है. विश्व कप से पहले दिशाहीन लग रही टीम इंडिया का अचानक मानो कायाकल्प हो गया और उसके प्रदर्शन ने विरोधियों को भी चकित कर डाला.
आम तौर पर भारत की कमजोर कड़ी मानी जाने वाली गेंदबाजी उसकी ताकत साबित हुई है. मोहम्मद शमी ( 17 विकेट), उमेश यादव ( 14 ) और मोहित शर्मा ( 11 ) मिलकर 70 में से 42 विकेट ले चुके हैं. भारतीय गेंदबाजों ने सात मैचों में पूरे 70 विकेट चटकाये हैं.ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती सिडनी की पिच होगी जो उसे रास नहीं आती. इस धीमी पिच पर दक्षिण अफ्रीका ने क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका को हराया था जिसमें इमरान ताहिर ने चार और जेपी डुमिनी ने तीन विकेट लिये थे.
ऐसे में भारत के अश्विन और रविंद्र जडेजा उन पर भारी पड़ सकते हैं. अश्विन 12 विकेट ले चुके हैं और अपनी गेंदों से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया को टीम में एक अच्छे स्पिनर की कमी खलेगी. उसके पास धीमे गेंदबाज के रूप में सिर्फ स्टीवन स्मिथ हैं.इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान समेत अधिकांश विशेषज्ञों की राय है कि टास जीतने वाली टीम को पहले बल्लेबाजी चुननी चाहिये.
भारतीय बल्लेबाजों ने अभी तक उम्दा प्रदर्शन किया है. शिखर धवन 367 रन बना चुके हैं लेकिन उनके लिये यह पिच आसान नहीं होगी क्योंकि आफ स्टम्प पर पडती उछालभरी गेंदों ने उन्हें अक्सर परेशान किया है. स्टार्क और जानसन उनकी इस कमजोरी का पूरा फायदा उठाना चाहेंगे. रोहित शर्मा का बल्ला क्वार्टर फाइनल तक खामोश था लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उन्होंने 137 रन बनाये. ऑस्ट्रेलिया को याद होगा कि एमसीजी पर त्रिकोणीय श्रृंखला के पहले मैच में रोहित ने उनके खिलाफ 138 रन बनाये थे जिसके बाद वह हैमस्ट्रिंग चोट का शिकार हो गये थे.
ऑस्ट्रेलिया के लिए ग्लेन मैक्सवेल मैच विनर साबित हो सकते हैं जिन्हें आईपीएल की वजह से भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ खेलने का खासा अनुभव है. मिशेल स्टार्क गेंदबाजी में और डेविड वार्नर बल्लेबाजी में खतरनाक साबित हो सकते हैं जबकि शेन वाटसन भी फॉर्म में लौट चुके हैं. टूर्नामेंट के अब सिर्फ दो मैच बाकी है और ऐसे में दोनों कप्तानों के लिये भी बहुत कुछ दाव पर लगा है. माइकल क्लार्क वनडे टीम में उनकी उपयोगिता को लेकर सवाल उठा रहे आलोचकों को खामोश कर सकते हैं या महेंद्र सिंह धौनी लगातार दो विश्व कप जिताकर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम अमर कर सकते हैं.