– अनुज कुमार सिन्हा –
सोमवार को मैच हो रहा था पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच, लेकिन टेलीविजन पर भारतीयों की नजर थी. लोग यही देखना चाह रहे थे कि पाकिस्तान जीतता है या हारता है. श्रीलंका में किसी को रूचि नहीं थी. जब श्रीलंका की टीम अच्छी बल्लेबाजी कर रही थी और एक समय तो उसने तीन विकेट पर 161 रन बना लिया था. इस समय ऐसा लग रहा था कि श्रीलंका 280-300 के बीच स्कोर बना लेगा. ऐसा हुआ नहीं.
पाकिस्तानी गेंदबाज आमिर और जुनैद ने ऐसी चाल चली कि 23 गेंदों में श्रीलंका के सिर्फ छह रन बने और मैथ्यूज, डीसिल्वा, डिकवेला और परेरा (यानी चार ठोस बल्लेबाज) पैवेलियन लौट गये. पाकिस्तान की पस्त टीम हो गयी. जो टीम तीन सौ का सपना देख रही थी, वह टीम 236 पर सिमट गयी थी. यह स्कोर देख कर ही श्रीलंका की टीम हार मान चुकी थी. श्रीलंका की टीम उस समय और पस्त हो गयी जब पाकिस्तान की ओपनिंग जोड़ी ने 74 रन बना लिये थे. दोनों बल्लेबाजों के चेहरे पर खुशी देखते बनती थी.
यह क्रिकेट है. पल में पासा पलटता है. एकाएक पाकिस्तान की पारी ढहने लगी. आया राम, गया राम की कहानी शुरू हो गयी. पाकिस्तान के सात बल्लेबाज जब 162 पर आउट हो गये तो लगा कि पाकिस्तान हार जायेगा. इसी हार के साथ पाकिस्तान का सफर खत्म हो जायेगा. भारतीय समर्थक पाकिस्तान की हार देखना चाहते थे. जीत में आड़े था तो सिर्फ कप्तान सरफराज. साथ में थे आमिर. जीत के लिए तब 72 रन और चाहिए था.
श्रीलंका की टीम वापसी कर चुकी थी. पाकिस्तान पस्त था और किसी तरह विकेट बचा कर एक-एक रन जोड़ रहा था. श्रीलंका की टीम घटिया फील्डिंग कर रही थी. कई रन आउट छोड़े जा रहे थे. यही श्रीलंका को भारी पड़ा. मलिंगा के साथ श्रीलंका के फील्डरों ने जो किया, जिस तरीके से कैच छोड़े, वह किसी भी गेंदबाज का दिमाग खराब कर सकता है. 39वें और 41वें ओवर यानी लगातार दो ओवरों में श्रीलंकाई फील्डरों ने दो कैच टपकाये. वह भी सरफराज के. जिस समय श्रीलंका के खिलाड़ी कैच टपका रहे थे, उस समय भी पाकिस्तान जीत से 39 रन दूर था.
एक भी कैच पकड़ा जाता तो पाकिस्तान के बाकी खिलाड़ी सीधे पाकिस्तान की फ्लाइट पकड़ते. ऐसा लगा कि श्रीलंका के खिलाड़ियों ने अंतिम 10-15 ओवरों में तय कर लिया था कि वे नहीं सुधरेंगे, कैच नहीं पकड़ेंगे, रन आउट नहीं करेंगे. इसका फल दिखा. जीता हुआ मैच श्रीलंका हार गया और हार के कगार पर पहुंचने के बाद पाकिस्तान जीत गया. हां, सरफराज और आमिर की जरूर तारीफ करनी होगी जिसने धैर्य रखा और अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया.
पाकिस्तान को अब इंग्लैंड से खेलना है. भारत को बांग्लादेश के साथ. कोई नहीं जानता कि ऊंट किस करवट बैठेगा. अगर भारत जीतता है (जिसकी संभावना ज्यादा दिखती है) और इंग्लैंड अगर किसी कारणवश पाकिस्तान से हार जाता है तो फाइनल में फिर भारत-पाक दिखेंगे. वही रोमांच, वही तनाव. लेकिन यह तभी संभव है जब पाकिस्तान करिश्मा दिखा कर इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम को हरा दे.