34.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Vat Savitri Vrat 2022: जानें क्यों सुहागिन महिलाएं करती हैं वट सावित्री व्रत, पूजा के समय पढ़ें ये कथा

Vat Savitri Vrat 2022: ज्येष्ठ अमावस्या पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं. इस बार 30 मई, सोमवार को यह व्रत रखा जा रहा है. ज्यादातर बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में यह प्रथा प्रचलित हैं.

Vat Savitri Vrat 2022: ज्येष्ठ अमावस्या पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं. इस बार 30 मई, सोमवार को यह व्रत रखा जाना है. ज्यादातर बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में यह प्रथा प्रचलित हैं. ऐसे में आइये जानते हैं अखंड सौभाग्य और पति के दीर्घायु के लिए किए जाने वाले इस उपवास में क्या बरतनी चाहिए सावधानी…

वट सावित्री व्रत से जुड़ी मान्यताएं

  • इस दिन बरगद की परिक्रमा करके महिलाएं इन्हें पूजती हैं.

  • अपने पति की लंबी उम्र और आरोग्य रहने के लिए यह पूजा की जाती है

  • कहा जाता है कि बरगद के वृक्ष में साक्षात भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है.

वट सावित्री कथा

दरअसल, देवी सावित्री ने अपने पति सत्यवान को मृत्यु के मुंह से बचाया था. ऐसी मान्यता है कि राजा अश्वपति की बेटी सावित्री की शादी राजकुमार सत्यवान से हुई थी. एक दिन वे जंगल में लकड़ी काटने गए हुए थे. काम करते समय उनका सिर घूमने लगा और वे यम को प्यारे हो गए. जिसके बाद सावित्री ने पति को दोबारा जीवित करने की ठान ली. उन्होंने यमराज से गुहार लगाई. वट के वृक्ष के नीचे बैठ कर कठोर तपस्या की. कहा जाता है कि इस दौरान सावित्री पति की आत्मा के पीछे भगवान यम के आवास तक पहुंच गयी. अंत में उनकी श्रद्धा की जीत हुई. यमराज ने सत्यवान की आत्मा को लौटाने का फैसला किया. जिसके बाद से महिलाएं इस दिन पति की आयु के लिए व्रत रखती हैं.

Also Read: Happy Vat Savitri Wishes 2022 LIVE: सुहाग बना रहे… यहां से भेजें वट सावित्री व्रत की शुभकामनाएं
उपवास के दौरा किन बातों का रखें ध्यान

  • महिलाओं को वट सावित्री पूजा के दिन बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर कथा जरूर सुननी चाहिए. ऐसा न करने से व्रत अधूरा माना जाता है.

  • व्रत रखने वाली महिलाओं को सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए.

  • गंगा जल मिलाकर ही स्नान करना चाहिए.

  • महिलाओं को नए वस्त्र पहनना चाहिए और सोलह श्रृंगार भी करना चाहिए.

  • प्रसाद के तौर पर गीली दाल, भिगोए चने, चावल, आम, कटहल, ताड़ के फल, केंदु, केले आदि चढ़ाने चाहिए.

  • बरगद की पूजा करते समय पेड़ के चारों ओर पीले-लाल के धागे कम से कम पांच बार लपेटते हुए परिक्रमा करना चाहिए

  • इस दिन भूल कर भी मांस-मछली का सेवन न करें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें