Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat: रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, जानें सही समय

Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat: रक्षाबंधन 2025 पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है. सही समय पर राखी बांधने से इस पर्व की पावनता और भी बढ़ जाती है. इसलिए इस खास दिन पर शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें और भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करें.

By Shaurya Punj | August 9, 2025 6:38 AM

Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat: इस वर्ष रक्षा बंधन का त्योहार आज 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जा रहा है. यह पर्व भाई-बहन के बीच स्नेह, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है, जिसमें बहनें भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी दीर्घायु, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. भारतीय शास्त्रों में श्रावणी पर्व को रक्षाबंधन के रूप में विशेष महत्व दिया गया है, जिसमें भगवान शिव की पूजा, ज्ञान की साधना, वेदों के अध्ययन की शुरुआत और गुरु-शिष्य परंपरा का सम्मान शामिल होता है. इस पावन अवसर पर गुरुओं को रक्षा सूत्र बांधकर उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट की जाती है, जो ज्ञान के आदान-प्रदान और शिष्य के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. आइए जानते हैं एस्ट्रोलॉजर डॉ एन के बेरा से राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, मंत्र सहित अन्य जानकारी….

सावन पूर्णिमा तिथि शुरू

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी. उदिया तिथि के कारण रक्षाबंधन का पर्व शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा.

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सावन पूर्णिमा पर भद्रा काल

सावन पूर्णिमा पर भद्रा काल (Raksha Bandhan 2025 Bhadra Kaal) भी रहेगा. इस बार भद्रा 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त को देर रात 1:52 बजे तक चलेगा. हालांकि, रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को भद्रा काल समाप्त होने के बाद प्रारंभ होगा, जिससे यह समय पूरी तरह शुभ माना जाता है. 9 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधने का शुभ समय उपलब्ध रहेगा. बहनें बिना किसी समय की चिंता के दिनभर अपने भाइयों को राखी बांध सकेंगी.

रक्षाबंधन पर बन रहा विशेष संयोग

इस बार रक्षाबंधन के पर्व पर श्रावण नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, और शिव योग एक साथ बन रहे हैं, जो इस दिन को अत्यंत शुभ और विशेष बना देते हैं. साथ ही, यह दिन बिना भद्रा के होगा, जो कई वर्षों बाद पहली बार होने वाला दुर्लभ और शुभ संयोग है. ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, ऐसा संयोग लगभग 95 साल बाद बन रहा है, जिससे रक्षाबंधन का महत्व और भी बढ़ जाता है.