Kushmanda Mata Chalisa Lyrics: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कुष्मांडा चालीसा का पाठ, होगी हर मनोकामनाएं पूरी

Kushmanda Mata Chalisa Lyrics: मां कुष्मांडा दुर्गा के नौ स्वरूपों में चौथे रूप में पूजी जाती हैं. उनके हंसमुख स्वरूप को देखकर माना जाता है कि उनके मुस्कान (कुशमंड) से ब्रह्मांड का सृजन हुआ. नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है.

By JayshreeAnand | October 8, 2025 4:53 PM

Kushmanda Mata Chalisa Lyrics: कुष्मांडा चालीसा का पाठ करने से साधक को न केवल स्वास्थ्य और संपत्ति की प्राप्ति होती है, बल्कि यह मानसिक शांति और सुख का भी स्रोत है. मां कुष्मांडा के सौम्य और हंसमुख स्वरूप को देखकर उनके भक्तों का मन प्रसन्न और स्थिर होता है. माना जाता है कि उनके मुस्कान (कुशमंड) से सृष्टि का निर्माण हुआ, और इसी कारण उनका ध्यान और पाठ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है. इस चालीसा का नियमित पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, संकट दूर होते हैं और जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है. श्रद्धा और भक्ति से किए गए पाठ से माता की विशेष कृपा हमेशा प्राप्त होती है.

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माता कुष्मांडा चालीसा

॥दोहा॥
माता कुष्मांडा की जय, करुणा की सागर।
सुख-सम्पत्ति देने वाली, जय माँ, जय अंबर॥

॥चालीसा॥
जयति जयति जगत की माता।
कुष्मांडा देवी सुखदायी भ्राता॥

शुम्भ-निशुम्भ हरणी माता।
भक्तों की विपदा हरणी भ्राता॥

कुश (कुमार) मंद हर्ष से भरी।
चारों ओर कृपा की झरी॥

हंस पर सवार हे माता।
कृपा का अविरल बहाता॥

कुम्भ करों में जल से भरे।
धन-धान्य से भरे सारे घर॥

आभा से दीप्त हे माता।
भक्तों के संकट मिटाता॥

चतुर्थी तिथि शुभ कहलाती।
व्रत रखने से सब सफल होती॥

मंत्र का जप करों हे प्यारे।
जीवन सुखी हो जाए सारे॥

अंत में सुन लो अरज हमारी।
जीवन सवारे भवसागर से॥

जय माता कुष्मांडा भवानी।
कृपा करो हे जगत की रानी॥

॥ इति श्री कुष्मांडा चालीसा सम्पूर्ण ॥

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