Vat Savitri Vrat Aarti: वट सावित्री व्रत की इस आरती से मिलेगा दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि
Vat Savitri Vrat Aarti: वट सावित्री व्रत के दौरान वट वृक्ष की पूजा और कथा का पाठ करने के बाद माता सावित्री की आरती करनी चाहिए. ऐसा करने से मां सावित्री की कृपा आप पर सदैव बनी रहती है. यहां सावित्री माता की आरती का विस्तार से पढ़ें.
Vat Savitri Vrat Aarti: वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को आयोजित किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित महिलाएं करती हैं. इस दिन महिलाएं वटवृक्ष की पूजा करती हैं, सावित्री-सत्यवान की कथा का पाठ करती हैं और वट वृक्ष की परिक्रमा करती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह तिथि अखंड सौभाग्य, पति की दीर्घायु और पारिवारिक सुख-शांति के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस वर्ष यह सोमवार, 26 मई 2025 को मनाया जा रहा है.
वट सावित्री व्रत पूजा के बाद करें ये मां सावित्री की आरती
ओम जय जय सावित्री, ओम जय जय गायत्री
अपनी अनुपम तेज से जग पावन करती।।
ओम जय जय सावित्री, ओम जय जय गायत्री
अपनी अनुपम तेज से जग पावन करती।।
ओम जय जय सावित्री।
कैसे करें वट सावित्री व्रत की पूजा? जानिए संपूर्ण विधि
तुम ही रक्षक सबका, प्राणों का तुम प्राण
भक्तजन मिले सारे, नित्य करें तेरा ध्यान
ओम जय जय सावित्री, ओम जय जय गायत्री
भक्त तरसे तुम हो सभी विधि करें उपकार
अंतर्मन से सुमिर लो, सुने वो तभी पुकार,
ओम जय जय सावित्री।।
Vat Savitri Vrat 2025 आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, बन रहा है दुर्लभ संयोग
भक्तों का दुख भंजन रक्षा करें आठों याम,
दिव्य ज्योति तुम्हारी, रहें सदा अविराम
ओम जय जय सावित्री। ओम जय जय गायित्री।।
चारों विधि के मंत्रों का गुरु मंत्र तुम्हे कहते।
ऋषि मुनि योगी सारे गुणगान तुम्हारा करें।
ओम जय जय सावित्री। ओम जय जय गायित्री।।
अपनी अनुपम तेज से जग पावन करती।।
ओम जय जय सावित्री।
हृदय विराजो हे मां, भटक न जाऊ किसी ओर
ले लो अपनी शरण में, न छूटे कभी डोर।
ओम जय जय सावित्री। ओम जय जय गायित्री।।
अपनी अनुपम तेज से जग पावन करती।।
ओम जय जय सावित्री।
