Brahmacharini Mata Aarti lyrics : नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की आरती, मंत्र और महत्व

Brahmacharini mata Aarti lyrics : नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है. तप, संयम और साधना की देवी मानी जाने वाली मां ब्रह्मचारिणी साधक को सफलता, आत्मबल और समृद्धि प्रदान करती हैं. यहां पढ़ें मां ब्रह्मचारिणी की आरती, मंत्र और महत्व, जिससे आपकी साधना हो और भी प्रभावशाली.

By Shaurya Punj | October 8, 2025 4:59 PM

Brahmacharini mata Aarti lyrics : शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो चुका है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करने का विधान है. मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से साधक को हर क्षेत्र में सफलता, सुख-समृद्धि और आत्मबल की प्राप्ति होती है. ‘ब्रह्म’ का अर्थ है तपस्या और ‘चारिणी’ का अर्थ है आचरण करने वाली। अर्थात मां ब्रह्मचारिणी तप का आचरण करने वाली देवी हैं.

मां ब्रह्मचारिणी की स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र

ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः॥

मां ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र

ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चिदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते॥

ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

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मां ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥

ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा॥

जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता॥

कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए॥

उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने॥

रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर॥

आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना॥

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम॥

भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी॥

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