Anant Chaturdashi Puja Aarti: अनंत चतुर्दशी पूजा के बाद करें श्री हरि की आरती, ॐ जय जगदीश हरे…

Anant Chaturdashi Puja Aarti: अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है. पूजा के बाद श्री हरि की आरती करना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह आरती घर में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और सुख-शांति लाती है. विधिपूर्वक आरती करने से माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है.

By Shaurya Punj | September 6, 2025 6:29 AM

Anant Chaturdashi Puja Aarti: अनंत चतुर्दशी इस साल आज 6 सितंबर 2025 को मनाई जा रही है. अनंत चतुर्दशी का दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन उनके अनंत रूप की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. भक्त इस दिन भगवान को प्रसन्न करने हेतु पूजा-अर्चना और श्री हरि की उपासना करते हैं. आरती का भी इस दिन विशेष महत्व है. भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और आरती करने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और घर में समृद्धि, धन-धान्य और सुख-शांति बनी रहती है.

अंनत चतुर्दशी पूजा आरती (Anant Chaturadashi Aarti)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे.
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का.
स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥
ॐ जय जगदीश हरे।

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मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी.
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी.
स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय जगदीश हरे।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता.
स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे।

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तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति.
स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥
ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे।

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा.
स्वमी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥
ॐ जय जगदीश हरे।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे.
स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥
ॐ जय जगदीश हरे।