ट्रंप टैरिफ के बीच पीएम मोदी के चीन दौरे पर टिकीं हैं दुनिया की नजरें, क्या है चीनी मीडिया की राय
PM Modi China Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एसईओ समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुंच गए हैं. भारत-चीन के बदलते रिश्ते पर पूरे विश्व की नजर है. सभी यह जानना चाहते हैं कि क्या पीएम मोदी का यह चीन दौरा ट्रंप टैरिफ का जवाब बनकर उभरेगा? चीनी मीडिया भी भारत-चीन की दोस्ती की वकालत कर रहा है.
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PM Modi China Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की यात्रा पर शनिवार 30 अगस्त को तियानजिन पहुंचे. वे लगभग 7 साल बाद, तब यहां पहुंचे हैं जब ट्रंप टैरिफ की वजह से भारत-अमेरिका संबंधों में खटास आ गई है. पूरी दुनिया पीएम मोदी की इस यात्रा पर नजर गड़ाए हुए है, क्योंकि वे एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुंचे हैं, वहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी पहुंचने वाले हैं. भारत-चीन के पिछले कुछ सालों के संबंधों पर अगर ध्यान दें, तो पाएंगे कि यह काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. दोनों देश कई बार एक दूसरे के आमने-सामने खड़े दिखे हैं, खासकर सीमा विवाद को लेकर. हालांकि पिछले कुछ समय से दोनों देश रिश्तों में गरमाहट लाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में भारत-चीन के संबंधों पर क्या कहता है चीनी मीडिया.
चीन की मीडिया पर सरकार का नियंत्रण
चीन एक ऐसा देश है, जहां की मीडिया पर उनकी सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी का नियंत्रण होता है. इसका अर्थ यह है कि मीडिया वही लिखता और कहता है जो सरकार की नीति होती है. वहां की बड़ी एजेंसियां जैसे शिन्हुआ (Xinhua), पीपल्स डेली (People’s Daily), ग्लोबल टाइम्स (Global Times) असल में पार्टी और सरकार के ही अंग हैं. इनके रिपोर्ट सरकारी नीति पर ही आधारित होते हैं, इसका अर्थ यह हुआ कि मीडिया वही कहेगी जो सरकार कह रही होगी.
चीनी मीडिया भारत के साथ दोस्ती पर कर रहा है फोकस
चीनी अखबार चाइना डेली ने लिखा है कि भारत और चीन को मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करना चाहिए. पीएम मोदी के चीन दौरे को इसकी शुरुआत के रूप में चीनी मीडिया देख रहा है. भारत दौरे पर आए विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा को लेकर भी चीनी मीडिया ने दोस्ती की ओर कदम ही बताया है. चीनी मीडिया का मानना है कि अमेरिका जिस प्रकार विश्व पर अपनी धाक जमाने की कोशिश कर रहा है, उस परिस्थिति में भारत-चीन को मित्रता करनी चाहिए. अखबार यह भी कहता है कि ट्रंप टैरिफ ने भारत को यह समझा दिया है कि रणनीतिक स्वायत्ता का क्या और कितना महत्व है.
भारत-चीन दोस्ती का आधार बनेगा एससीओ समिट
चीनी मीडिया एससीओ समिट को भारत-चीन की दोस्ती के आधार के रूप में देखता है. तियानजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में यदि कनेक्टिविटी, गैर-कृषि व्यापार और पर्यावरण साझेदारी पर समझौते होते हैं, तो यह एशिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग का नया रास्ता खोल सकता है. चीनी मीडिया यह चाहता है कि भारत-चीन की साझेदारी अन्य क्षेत्रों में भी बढ़े.
अमेरिकी दबाव से मुकाबले के लिए चीन-भारत का साथ जरूरी
राष्ट्रवादी वेबसाइट गुआंचा ने लिखा कि भारत, अमेरिका और चीन दोनों के बीच संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह जरूरी है कि विश्व पर अमेरिका के दबाव के बीच भारत और चीन अपनी साझेदारी और दोस्ती दोनों बनाएं.
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