Maratha Aarakshan : हैदराबाद गजट के अनुसार अब मराठा समुदाय को मिलेगा आरक्षण, जानिए अभी भी किसे नहीं मिलेगा लाभ

Maratha Aarakshan : मराठा समुदाय को ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण दिलाने की जंग में कुछ और मोर्चों पर जीत मिली है. मनोज जरांगे ने अब सरकार को इस बात के लिए मना लिया है कि मराठा समुदाय को हैदराबाद गजट के अनुसार भी आरक्षण का लाभ मिलेगा. हैदराबाद गजट में ऐसी क्या व्यवस्था है, इसे यहां समझते हैं और यह भी जानते हैं कि क्या अब पूरे प्रदेश में मराठा समाज को आरक्षण का लाभ मिलेगा या नहीं.

By Rajneesh Anand | September 3, 2025 3:57 PM

Maratha Aarakshan : जिंकल रे जिंकल, मराठा जिंकल. इस जयघोष के साथ मराठा आरक्षण के लिए जारी आंदोलन की समाप्ति हो गई. जिंकल रे जिंकल का अर्थ है– वे जीत, मराठा जीत गए.  गुलाल उड़ाकर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कार्यताओं ने खुशी मनाई और आंदोलन समाप्त किया. उनके नेता मनोज जरांगे पाटिल की मांग को महाराष्ट्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है, वे आरक्षण के लिए हैदराबाद गजट की व्यवस्थाओं को लागू करने की मांग कर रहे थे. मराठा ओबीसी कैटगरी में आरक्षण की मांग करते हैं और हैदराबाद गजट में इसकी व्यवस्था है.

क्या है हैदराबाद गजट

हैदराबाद गजट 1918 में हैदराबाद के तत्कालीन निजाम द्वारा जारी एक आदेश है. इस गजट में उस क्षेत्र की जनसंख्या, जातियों, समुदायों, व्यवसायों और कृषि से संबंधित सभी सूचनाएं दर्ज हैं. भारत की आजादी से पहले, मराठवाड़ा क्षेत्र, जिसमें आज के महाराष्ट्र के आठ सूखाग्रस्त जिले शामिल हैं, हैदराबाद के निजाम के शासन का हिस्सा थे. हैदराबाद गजट को प्रामाणिक रिकॉर्ड मानते हुए, सरकार अब मराठवाड़ा में मराठों को कुनबी का दर्जा देने और इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण का लाभ देने पर सहमत हो गई है.

हैदराबाद गजट से मराठा आंदोलन का संबंध

मराठा आंदोलन में यह मांग की जा रही है कि उन्हें ओबीसी का दर्जा देकर आरक्षण का लाभ दिया जाए. हैदराबाद गजट को लागू करने की बात वे इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस गजट में मराठा समाज को पिछड़े तबके का बताया गया है. उन्हें कुनबी समाज की तरह ही ओबीसी कैटेगरी में रक्षा गया है, यही वजह है कि मराठा हैदराबाद गजट की व्यवस्था को लागू करने की बात कर रहे हैं. निजाम सरकार ने मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का आदेश जारी किया था. इस निर्णय को आधिकारिक राजपत्र में औपचारिक रूप से दर्ज किया गया है. इसी वजह से मराठा आरक्षण की मांग करने वाले हैदराबाद गजट को लागू करने की बात कह रहे हैं. 

ओबीसी के तहत आरक्षण की मांग

वर्ष / अवधिमुख्य घटना परिणाम
1960–70महाराष्ट्र बनने के बाद मराठा किसानों और युवाओं में असंतोषशिक्षा और नौकरियों में प्रतिनिधित्व कम होने की शिकायत
1990मंडल आयोग लागू, OBC को आरक्षण मिलामराठाओं में आरक्षण की मांग तेज हुई
1992महाराष्ट्र सरकार ने मराठाओं को आरक्षण देने की कोशिशअदालत में अटक गई, लागू नहीं हो सका
2000 के दशककई सरकारों ने आरक्षण की घोषणाएं कीकानूनी अड़चनें बनीं, आरक्षण नहीं मिल पाया
2014कांग्रेस–NCP सरकार ने 16% आरक्षण दिया हाईकोर्ट ने रोक लगा दी
2016–2017मराठा क्रांति मोर्चा आंदोलन शुरूलाखों लोग शांतिपूर्ण रैलियों और विरोध में शामिल हुए; आंदोलन तेज हुआ
2018देवेंद्र फडणवीस सरकार ने SEBC का दर्जा और 16% आरक्षण दियामहाराष्ट्र विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित
2019–2020 हाईकोर्ट ने आरक्षण को आंशिक रूप से सही ठहरायाशिक्षा में 12%, नौकरी में 13% की सीमा तय की
2021सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण असंवैधानिक घोषित किया50% सीमा पार होने का कारण; आरक्षण पूरी तरह खत्म
2022–2023मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में आंदोलन फिर शुरूभूख हड़ताल, अनशन और सड़कों पर विरोध; मांग: पूरे मराठा समाज को OBC में शामिल करना
2024आंदोलन तेज हुआसरकार ने “कुनबी दस्तावेज” निकालने की प्रक्रिया शुरू की

महाराष्ट्र में मराठा समुदाय खुद को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा बताकर लगातार आरक्षण की मांग कर रहा है. मराठा समुदाय आरक्षण की मांग तो 1960–70 के दशक से कर रहा है, लेकिन इसने जोर पकड़ा 1990 से. मंडल कमीशन के लागू होने के बाद मराठा समुदाय की मांग और तेज हो गई, उन्होंने लगातार यह मांग की कि उनकी भागदारी सरकारी नौकरियों में काफी कम है इसलिए उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिले. 2018 में सरकार ने मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की, लेकिन यह आरक्षण 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था से अधिक हो गया, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया. बाद में यह आंदोलन और तेज हुआ और 2023–24 में  मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में बड़े धरने और भूख हड़तालें हुईं. तब महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को कुनबी साबित करने वाले दस्तावेज निकालकर उन्हें OBC श्रेणी में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की. अब स्थिति यह है कि जो मराठा खुद को कुनबी समुदाय का साबित कर दे रहे हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ मिल रहा है.


क्या पूरे महाराष्ट्र में मिलेगा मराठा समुदाय को आरक्षण

अभी तक जो स्थिति है उसके अनुसार मराठा समुदाय के उन्हीं लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है, जो यह साबित कर रह पा रहे हैं कि उनका संबंध कुनबी समुदाय से है, जो पिछड़ा वर्ग की एक जाति है. जो मराठा खुद को कुनबी साबित नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा.

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