23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डिजिटल विकास पर जोर

करीब 117 करोड़ से अधिक टेलीकॉम उपभोक्ताओं और 82 करोड़ से अधिक इंटरनेट सब्सक्राइबर के साथ भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिए सबसे तेज उभरता बाजार है.

स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और आजीविका समेत जीवन की तमाम मूल जरूरतों के लिए लोगों का परस्पर जुड़ना अनिवार्य हो चुका है. कोरोना महामारी में डिजिटल कनेक्टिविटी से वंचित आबादी का एक बड़ा तबका शिक्षा और इलाज जैसी जरूरतों के लिए दो वर्षों तक दुश्वारियों का सामना करता रहा. डिजिटल असमानता सामान्य जीवनयापन में बड़ी चुनौती बन रही है. सभ्य समाज में ऐसी परिस्थितियां स्वीकार्य नहीं हैं.

अत: राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक डिजिटल कनेक्टिविटी की जरूरत है, ताकि हर वर्ग डिजिटल माध्यम का हिस्सा बन सके. कल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं को आमजन तक पहुंचान में डिजिटल तकनीकें सबसे बड़ा माध्यम हैं. डिजिटल इंडिया सप्ताह के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि जिस तरह से डिजिटल मुहिम को मजबूती दी जा रही है, उससे भारत औद्योगिक क्रांति 4.0 का केवल हिस्सा ही नहीं, बल्कि इसका नेतृत्वकर्ता बन रहा है.

इस मौके पर उन्होंने सिंगल साइन ऑन पोर्टल मेरी पहचान, डिजिटल इंडिया भाषिनी, डिजिटल इंडिया जेनेसिस एंड चिप्स टू स्टार्टअप (सीटूएस) समेत अनेक डिजिटल पोर्टल की शुरुआत की. इन कार्यक्रमों से देश में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, साथ ही आम जनजीवन में भी सुधार होगा. हाल के वर्षों में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने आम लोगों को राहत देने के साथ-साथ भ्रष्टाचार और बिचौलियों पर अंकुश लगाया है.

वहीं, कल्याणकारी योजनाओं में डिजिटल तकनीकों ने सेवाओं को पारदर्शी व प्रभावी बनाया है. साल 2014 के बाद से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी डीबीटी से लाभार्थियों के खाते में 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किये गये हैं. वहीं आधार, यूपीआई, कोविन और डिजीलॉकर जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों से आम सेवाएं आसान हुई हैं. डिजिटल इंडिया मुहिम देश को डिजिटलीकृत सशक्त अर्थव्यवस्था बनाने और ज्ञान आधारित समाज में परिवर्तित करने में मददगार है.

वहीं बढ़ती डिजिटल संस्कृति से ई-कॉमर्स और अन्य प्रकार के व्यवसायों का दायरा बढ़ रहा है. मध्य वर्ग और टेक सैवी युवा आबादी को देखते हुए बुनियादी डिजिटल विकास और निवेश पर जोर देना होगा, ताकि देश में नवीनतम डिजिटल प्रौद्योगिकी की आमद और विस्तार हो. करीब 117 करोड़ से अधिक टेलीकॉम उपभोक्ताओं और 82 करोड़ से अधिक इंटरनेट सब्सक्राइबर के साथ भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिए सबसे तेज उभरता बाजार है.

साल 2019 में मैकिंसे के अध्ययन में भारत को दूसरी सबसे तेज डिजिटलीकृत अर्थव्यवस्था का दर्जा दिया गया था. डिजिटल बुनियादी ढांचा, भौतिक और पारंपरिक बुनियादी ढांचे को एकीकृत करने के लिए लिहाज से महत्वपूर्ण है. बहुत जल्द 5जी टेक्नोलॉजी की शुरुआत हो रही है. इससे डिजिटल विकास की नयी संभावनाएं सृजित होंगी. इसके मद्देनजर शोध एवं विकास में निवेश बढ़ाने, स्वदेशी उच्च तकनीक निर्माण और डिजिटल कनेक्टिविटी में बौद्धिक संपदा को विकसित करने की जरूरत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें