धमनियों में लगाया जानेवाला स्टेंट के लिए हजार गुना तक ज्यादा कीमत ली जाती है, मरीजों के लिए यह सब जान कर दर्द फिर से उभर आने का खतरा बढ़ गया है. सोचना भी मुश्किल है कि दर्द दूर करने वाले डॉक्टर इतने बेदर्द इंसान भी हो सकते हैं. डॉक्टरों का भगवान जैसा दिखने वाला चेहरा एक झटके में जल्लाद सा दिखने लगा है.
वसुधैव कुटुंबकम वाले इस देश में दर्द से तड़पते मरीज से उनकी जान की मुंहमांगी कीमत कैसे ली जा सकती है? आखिर कब तक हम डॉक्टरों को भगवान समझने की भूल करते रहेगें. क्यों न इस ‘लाइफगेट’ को दूसरे स्कैमों की तरह ही एक अपराध माना जाये क्योंकि मुंहमांगी कीमत लेना लूट ही तो है.
एमके मिश्रा, रातू, रांची