हर रोज समाचारपत्रों में सड़क दुर्घटनाओं की खबर छपती है. प्रतिवर्ष लाखों जाने जाती हैं. कम से कम आधी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है. जिस करण स्वस्थ सेवाओं, न्यायालयों और पुलिस पर काम का बड़ा बोझ है.
क्षतिग्रस्त तथा आक्रोशित लोगों द्वारा जलाये वाहनों और थानों में जब्त खराब होते वाहनों से आर्थिक क्षति है. दुर्घटना के बाद दोषी चालक को ही चार्जशीट कर सजा दिलाते हैं, पर दुर्घटनाओं के बाद दोषी चालक के रिफ्लेक्स की शारीरिक जांच, ड्राइविंग फिटनेस की जांच होनी चाहिए. कमी होने पर लाइसेंस देने वाले अधिकारी को भी दंडित करना चाहिए. स्टीयरिंग के पीछे दक्ष और बिना नशा किये चालक तथा रोड पर ट्रैफिक नियमों को पालन करके चलनेवाले दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं.
आरपी सिन्हा, देवघर