शिक्षक नियोजन प्रक्रिया की लचर व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. नियोजन इकाई और मेरिट लिस्ट तैयार करने का तरीका भी अलग अलग जिसके कारण भी समस्या खड़ी हो रही है. परीक्षा में न्यूनतम 83 अंक लाने वाली महिला और आरिक्षत श्रेणी वाले उम्मीदवारों को दो अंकों की वेटेज देने का प्रावधान है. यह अंक प्रतिशत में जोड़ कर मेरिट लिस्ट मेधा अंक बनते हैं. इनके आधार पर ही प्राथमिकता मिलती है.
गौरतलब है कि 82 अंक वाले को पास कर देने का नियम है पर उन्हें वेटेज अंक नहीं दिये जाते. शिकायत यह है कि तेघड़ा प्रखंड नियोजन इकाई है में तो 82अंक वाले उम्मीदवारों को वेटेज नहीं दिया गया पर प्रखंड की पंचायत धनकौल में दो अंकों की वेटेज देकर मेरिट लिस्ट तैयार कर ली गयी. उसी प्रकार प्रखंड भगवानपुर और पंचायत दामोदरपुर में भी ऐसा ही देखने में आया है. बेगूसराय के अलावा अन्य जिलों का हाल भी कमोबेश यही है.
सिराज अहमद, बेगूसराय