एकरूपता के लिए उच्च सेवा में अखिल भारतीय शैक्षणिक सेवा जरूरी है. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की इस दिशा में सोच कई दृष्टियों से भारतीय समाज की जरूरत भी है. इसके अभाव में यूजीसी जैसी संस्था की भूमिका अर्थहीन है. भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर शैक्षणिक सेवा का विकास प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को इस ओर जोड़ेगा. अभी यूजीसी राष्ट्रीय स्तर पर ‘नेट’ परीक्षा के माध्यम से जो सफल उम्मीदवार प्रतिवर्ष देती है, उनके सामने भी अंधकारमय भविष्य होता है.
कोई निश्चित सेवा से वे जुड़ नहीं पाते और कई वर्ष उनके बेकार चले जाते हैं. अत: इस दिशा में निश्चित नियमावली बनना जरूरी है. नेट की परीक्षा पास करने के बावजूद उम्मीदवार इंटरव्यू चक्कर कई वर्षों तक लगाते ही रह जाते हैं. अत: सरकार को चाहिए कि इन उम्मीदवारों के बारे में भी सोचे.
-डॉ राजेश प्रसाद, डालटेनगंज