19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शिक्षा के प्रसार में मददगार कदम

बिहार-झारखंड के लिए यह खबर खास है कि अब निजी स्कूलों के छात्रों को भी दोपहर का भोजन (मिड-डे मील) मिलेगा. दोनों ही राज्यों में निजी स्कूलों का तेजी से फैलाव हो रहा है. सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब होने के कारण अभिभावकों के सामने अपने बच्चों को निजी स्कूलों भेजने के अलावा कोई दूसरा […]

बिहार-झारखंड के लिए यह खबर खास है कि अब निजी स्कूलों के छात्रों को भी दोपहर का भोजन (मिड-डे मील) मिलेगा. दोनों ही राज्यों में निजी स्कूलों का तेजी से फैलाव हो रहा है. सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब होने के कारण अभिभावकों के सामने अपने बच्चों को निजी स्कूलों भेजने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. यूं भी बिहार-झारखंड में सरकारी स्कूलों में दोपहर के भोजन को लेकर एक नया किस्म का भ्रष्टाचार पैदा हुआ है.

इस भ्रष्टाचार में सरकारी स्कूल व निजी स्कूल के साथ बच्चों के अभिभावक भी शामिल हैं. अभिभावक दोपहर के खाने के लिए सरकारी स्कूल में अपने बच्चों का नाम लिखवा देते हैं, लेकिन बच्च पढ़ने जाता है निजी स्कूल में. इसमें तीनों को लाभ है. सरकारी स्कूल के शिक्षक को हाजिरी मिल गयी. निजी स्कूलों को बच्चे पढ़ाने के लिए मिल गये और अभिभावकों को अपने बच्चे के लिए दोपहर का भोजन.

यह अलग बात है कि इस तरह का भ्रष्टाचार अभी शुरुआती दौर में ही है. लेकिन, अगर निजी स्कूलों में भी दोपहर का भोजन देने की व्यवस्था हो जाती है, तो इस तरह के खेल करने का कोई मौका नहीं बचेगा. दोपहर का भोजन खाने से बिहार-झारखंड में बच्चों के बीमार होने या मौत होने के हादसे हुए है. इसके बावजूद इस योजना का व्यापक लाभ मिला है. इस कारण इस योजना की मुखालफत करने वाले भी इस तथ्य को अनदेखा नहीं करते हैं कि इस योजना से स्कूलों में उपस्थिति बढ़ी है. बच्चों के अभिभावकों के लिए यह बड़ा प्रोत्साहन है. बिहार-झारखंड में गरीबी दर को देखते हुए इस योजना को निजी स्कूलों में भी लागू करने का सबसे अधिक लाभ होगा.

निजी स्कूलों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा. अभी निजी स्कूलों के पास यह तर्क होता है कि सरकार तो उन्हें कुछ देती नहीं है, उल्टे नये नियम-कानून थोपती रहती है. अब सरकार उन्हें छात्रों के लिए दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने के लिए सालाना सात हजार करोड़ के फंड का आवंटन करेगी, तो इसका हिसाब भी मांगेगी. शिक्षा का अधिकार लागू होने के बाद भी निजी स्कूलों में अब भी 25 फीसदी गरीब छात्रों के एडमिशन की शर्त को लागू नहीं किया गया है. उम्मीद है, नयी योजना से दोनों ही राज्यों के शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें