भारत कृषि प्रधान देश है. देश के विकास के लिए सर्वप्रथम कृषि, उत्पादन पर ज्यादा ध्यान देना होगा. लेकिन इसे कोई भी पार्टी अपनी प्राथमिकता में नहीं रखती. हमारे किसानों की उपजायी फसलों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना होगा, जिससे गांवों और शहरों का फासला कम हो सके.
आज के हालात में हमारे किसानों को सरकारी सब्सिडी की जरूरत नहीं है क्योंकि जितने भी अनुदान सरकार लाती है, उसका 80 से 90 प्रतिशत भाग सरकारी स्टाफ, बैंक और बाहरी बिचौलियों में बंट जाता है और किसान ठगा महसूस करता है.
इसके उलट, किसानों के लिए घोषित समर्थन मूल्य में सुधार करके सीधे तैयार फसल को नगदी बिकवायी जाये तो कृषि और कृषक को फायदा होगा. उन फसलों पर आधारित उद्योग जब अपने देश में लगेंगे तो रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे और यही देश का सही विकास होगा.
नरेंद्र आनंद, रांची