10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुझे अफसोस नहीं, गर्व है अपने स्त्री होने पर

मैं एक ऐसे देश में पैदा हुई हूं, जहां मुझे बोझ समझा जाता है. मुझे कमजोर समझ कर मेरा शोषण किया जाता है. मुझे पैदा होने से पहले या पैदा होने के बाद मार दिया जाता है. इस देश में दहेज के लालच में मेरी बलि चढ़ा दी जाती है. यहां पिता कर्ज लेने के […]

मैं एक ऐसे देश में पैदा हुई हूं, जहां मुझे बोझ समझा जाता है. मुझे कमजोर समझ कर मेरा शोषण किया जाता है. मुझे पैदा होने से पहले या पैदा होने के बाद मार दिया जाता है. इस देश में दहेज के लालच में मेरी बलि चढ़ा दी जाती है. यहां पिता कर्ज लेने के लिए मुझे गिरवी रख देता है.

मेरे साथ इतना सब कुछ सिर्फ इसलिए होता है, क्योंकि मैं एक स्त्री हूं. क्या स्त्री होना एक गुनाह है? और अगर है भी तो कैसे? मैं बोझ हूं तो कैसे? क्या मैं अपने मातापिता के काम नहीं आती? क्या मैं सच में कमजोर हूं या मुझे कमजोर बनाया गया है? मुझे आजादी से जीने नहीं दिया जाता है, क्या ऐसे जीने का अधिकार सिर्फ पुरुषों को है, स्त्रियों को नहीं?

दहेज के लिए मेरी बलि क्यों चढ़ायी जाती है? क्या दहेज प्रथा मैंने बनायी है? गर्भ में भ्रूणावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक और घर से लेकर बाहर तक मैं कहीं भी सुरक्षित नहीं हूं. बाजार मुझे एक सामान के तौर पर पेश करता है, ऐसा क्यों? क्या मुझमें जिंदगी नहीं है? लेकिन फिर भी मुझे अपने स्त्री होने पर कोई अफसोस नहीं है, बल्कि इस बात का गर्व है कि मुझमें ममता है, कोमलता है, प्रेम का सागर है, सहनशीलता और समर्पण है.

।। जूही रानी ।।

(हमीदगंज, पलामू)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें