एक ओर झारखंड की अधिकांश आबादी गरीबी रेखा से नीचे बसर करती है, जिनकी सुबह दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में शुरू होती है और रात दूसरे दिन की चिंता के साथ खत्म हो जाती है. और तब जाकर उनका पेट भरता है. लेकिन इनके बारे में न सोच कर झारखंड की सरकार इन गरीबों का पैसा बेकार में लुटाये जा रही है.
जी हां, झारखंड सरकार हेलीकॉप्टर को बिना उड़ाये ही प्रतिमाह 31.25 लाख रुपये का भाड़ा दे रही है, जो भाड़ा जनवरी महीने से अब तक करोड़ों का हो चुका है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अब तक हेलिकॉप्टर से मात्र 30 घंटे ही उड़ान भरी गयी है. जिसमें दो बार राज्यपाल ने राष्ट्रपति के कार्यक्र म के दौरान इस्तेमाल किया था. वहीं, राज्यपाल महोदय ने भी कहा है कि वह सड़क मार्ग से जाने के क्र म में भौतिक स्थिति देखते-समझते हैं.
यही वजह है कि उन्होंने हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कम कर दिया. यह कैसी विडंबना है कि एक तरफ, जहां आम लोग हेलिकॉप्टर से यात्रा करने को तरसते हैं, तो वहीं सरकारी महकमे के द्वारा बिना यात्रा किये मुफ्त में पैसे लुटाये जा रहे हैं.
।। सतीश कुमार ।।
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